गुलदाऊदी शो सेक्टर-33 के टैरेस्ड गार्डन में तीन दिनों के लिए नबंवर के आखिरी या दिसंबर के पहले सप्ताह में होता है। इस बार कोविड 19 के कारण गुलदाऊदी शो होने की संभावनाएं कम हैं, लेकिन माली गुलदाऊदी को उगाने में तत्परता से लगे हैं। जमीन में जड़ें लगने के बाद अब गुलदाऊदी को गमलों में लाया जा रहा है।
250 से अधिक किस्मों को उगाया जा रहा है। नवंबर के अंतिम सप्ताह में फूल पूरी तरह से खिल जाते हैं। फूलों के खिलने के बाद ही किस्मों का पता चलेगा। गुलदाऊदी के पौधों और फूलों पर कुछ दवाइयों का छिड़काव किया जाता है। छिड़काव करने से पौधे मजबूत होते हैं। सर्दी के सीजन में गुलदाऊदी में सबसे पहले फूल आते हैं। इस वजह से कीड़े हमला करते हैं। यह दवाइयां पौधों का बचाव करती हैं।
गुलदाऊदी की किस्में
गुलदाऊदी शो में स्नो बॉल, सोनार बंगला, किकू ब्लोकी, महात्मा गांधी, कस्तूरबा गांधी, मिस इंडिया, चंद्रमा, सन, गोल्डन जुबली, सिल्वर जुबली, राजा, कवर गर्ल, रेड वाइन, डेकोरेटिव पिंग, सुपर ग्लो, कोका सूजन, कासा गरंडा, पिंब क्लाउड, सिल्क वरोकल, ड्रीम कैस्टल सहित 250 से अधिक किस्में उगाई जा रही हैं।