दिल्ली मेट्रो नेटवर्क में एक और महत्वपूर्ण विस्तार होने जा रहा है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दिल्ली मेट्रो के चरण-IV परियोजना के तहत रिठाला-नरेला-नाथूपुर (कुंडली) कॉरिडोर को मंजूरी दे दी है। यह नया कॉरिडोर दिल्ली और पड़ोसी राज्य हरियाणा के बीच कनेक्टिविटी को और अधिक मजबूत करेगा। इस फैसले को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में लिया गया है और इसके तहत लगभग 6,230 करोड़ रुपये की लागत से 26.463 किलोमीटर लंबे इस मार्ग का निर्माण किया जाएगा।

दिल्ली और हरियाणा के बीच बेहतर कनेक्टिविटी
इस नए कॉरिडोर से दिल्ली और हरियाणा के बीच यात्रा करना और भी आसान होगा। खासकर उत्तर-पश्चिम दिल्ली के क्षेत्रों जैसे नरेला, बवाना और रोहिणी के कुछ हिस्सों में यात्रियों को बेहतर मेट्रो सेवाएं मिलेंगी। यह परियोजना न केवल दिल्ली की ट्रांसपोर्ट व्यवस्था को बेहतर बनाएगी, बल्कि इससे दिल्ली और हरियाणा के अन्य प्रमुख इलाकों के बीच आवागमन भी सरल होगा। नई मेट्रो लाइन का विस्तार शहीद स्थल (न्यू बस अड्डा) – रिठाला (रेड लाइन)कॉरिडोर तक होगा, जो पहले से ही दिल्ली मेट्रो नेटवर्क में एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस विस्तार से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) के साथ-साथ हरियाणा के गाजियाबाद और कुंडली तक बेहतर संपर्क स्थापित होगा। केंद्रीय मंत्रिमंडल का यह फैसला दिल्ली-एनसीआर में यातायात का दबाव कम करने में मदद करेगा और पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद साबित होगा, क्योंकि इससे सड़कों पर ट्रैफिक कम होगा और प्रदूषण में भी कमी आएगी।

नए कॉरिडोर पर 21 स्टेशन होंगे
इस नए कॉरिडोर में कुल 21 मेट्रो स्टेशन बनाए जाएंगे, जो यात्रियों के लिए और भी सुविधाजनक यात्रा का रास्ता खोलेंगे। इन स्टेशनों में प्रमुख स्टेशन होंगे जैसे- रिठाला, रोहिणी सेक्टर 31, रोहिणी सेक्टर 32, रोहिणी सेक्टर 36, बरवाला, बवाना औद्योगिक क्षेत्र, बवाना सेक्टर 1 और 2, सनोथ, न्यू सनोथ, डिपो स्टेशन, भोरगढ़ गांव, अनाज मंडी नरेला, नरेला डीडीए स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, नरेला सेक्टर 5, कुंडली और नाथपुर। सभी स्टेशन एलिवेटेड (ऊपर) होंगे, जिससे यातायात की गति में कोई रुकावट न आए और यात्री सुरक्षित और तेज़ यात्रा कर सकें।

दिल्ली मेट्रो का हरियाणा में चौथा विस्तार
दिल्ली मेट्रो का यह हरियाणा में चौथा विस्तार होगा। इसके पहले, दिल्ली मेट्रो का नेटवर्क गुरुग्राम, बल्लभगढ़ और बहादुरगढ़ तक फैला हुआ है। नया रिठाला-नरेला-नाथूपुर कॉरिडोर दिल्ली मेट्रो के विस्तार में एक महत्वपूर्ण कदम होगा और इससे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के यात्रियों को बेहतर और तेज़ परिवहन सुविधा मिलेगी। इससे पहले, दिल्ली मेट्रो के चरण-IV परियोजना के तहत 3 प्राथमिक कॉरिडोर्स के निर्माण का काम जारी है, जिसमें कुल 65.202 किलोमीटर की दूरी और 45 स्टेशन होंगे। इस परियोजना के 56% से ज्यादा काम पहले ही पूरा हो चुका है, और उम्मीद जताई जा रही है कि मार्च 2026 तक इसे पूरा कर लिया जाएगा। इसके अलावा, 20.762 किलोमीटर लंबे दो और कॉरिडोर्स को भी मंजूरी मिल चुकी है, जो आने वाले समय में दिल्ली मेट्रो नेटवर्क को और भी विस्तार देंगे।

अर्थव्यवस्था और पर्यावरण पर प्रभाव
नई मेट्रो लाइन के निर्माण से न सिर्फ दिल्ली और हरियाणा के बीच यात्रा में सुधार होगा, बल्कि इस परियोजना से स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा। मेट्रो के माध्यम से यात्रा करने से सड़क परिवहन पर दबाव कम होगा, जिससे न केवल समय की बचत होगी बल्कि प्रदूषण भी कम होगा। इसके अलावा, मेट्रो के नए स्टेशन और कॉरिडोर के निर्माण से स्थानीय व्यापार और रोजगार के अवसरों में भी वृद्धि होगी।

कनेक्टिविटी के नए अवसर
नई मेट्रो लाइन के शुरू होने से दिल्ली के नॉर्थ वेस्टर्न और हरियाणा के कनेक्टिविटी में जबरदस्त सुधार होगा। यात्रियों को ट्रैफिक जाम, सड़क पर प्रदूषण और समय की बर्बादी से छुटकारा मिलेगा। इस परियोजना से दिल्ली और हरियाणा दोनों के लोगों को बेहतर यात्रा अनुभव होगा, और इससे दोनों राज्यों के बीच आर्थिक और सामाजिक कनेक्टिविटी में भी सुधार आएगा। इस परियोजना के तहत नए रूट का निर्माण एक बड़ी उपलब्धि है, जो न केवल दिल्ली मेट्रो की यात्रा को और सरल बनाएगा, बल्कि यह पर्यावरण की दृष्टि से भी एक सकारात्मक कदम होगा। दिल्ली मेट्रो का यह नया कॉरिडोर दिल्ली और हरियाणा के बीच बेहतर कनेक्टिविटी और सुविधा प्रदान करेगा। यात्रियों को जल्दी और सुरक्षित यात्रा का लाभ मिलेगा, साथ ही इससे दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र की आर्थिक स्थिति को भी मजबूती मिलेगी।

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