उत्तराखंड में चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले उत्तराखंड की धामी सरकार तीर्थयात्रियों पर काम कर रही है। भगवान बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री समेत चारों धामों के लिए आज से ऑनलाइन पंजीकरण भी शुरू हो गया है। भारत की मोदी सरकार के आदेश के बाद हरिद्वार, ऋषिकेश, विकासनगर, डोईवाल समेत यात्रा मार्गों पर ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन काउंटर खोल दिए गए हैं। यात्रा से पहले यात्रियों को रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है। लेकिन रजिस्ट्रेशन के अलावा मेडिकल सर्टिफिकेट की भी जरूरत होती है। क्या आप जानते हैं इसके लिए किस डॉक्टर की मंजूरी की जरूरत होती है? तो ऐसे में आइए जानते हैं इसकी पूरी प्रक्रिया।

ये डॉक्यूमेंट है जरूरी
चारधाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए यात्रियों को अपना आधार कार्ड साथ रखना होगा। क्योंकि रजिस्ट्रेशन काउंटर पर आपसे आपका आधार कार्ड और मोबाइल नंबर की जानकारी मांगी जाएगी। अगर किसी को कोई बीमारी है तो आपको अपनी मेडिकल हिस्ट्री भी बतानी होगी। इसके लिए मेडिकल सर्टिफिकेट की जरूरत होती है, लेकिन इसे कौन सा डॉक्टर बनाता है?
चारधाम यात्रा को सफल और सुरक्षित बनाने के लिए उत्तराखंड सरकार ने स्वास्थ्य सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग ने यात्रियों के लिए विशेष स्वास्थ्य एडवाइजरी जारी की है। इस दौरान कहा गया है कि यात्रियों को अपने स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखना होगा। यात्रा से पहले अनिवार्य स्वास्थ्य जांच, पैदल चलना, दो महीने पहले प्राणायाम, हार्ट फिटनेस एक्सरसाइज, पंजीकृत स्वास्थ्य ऐप पर ऑनलाइन पंजीकरण जरूरी है।

मेडिकल सर्टिफिकेट की जरुरत
चारधाम यात्रा के लिए मेडिकल सर्टिफिकेट की जरुरत होती है। इसे यात्रा से करीब एक महीने पहले किसी स्थानीय एमबीबीएस डॉक्टर से बनवाया जा सकता है। इस सर्टिफिकेट में डॉक्टर को साफ-साफ बताना होता है कि आप यात्रा के लिए शारीरिक रूप से स्वस्थ हैं या नहीं। क्योंकि चारधाम यात्रा में बहुत कठिन और ऊंचाई वाले रास्ते शामिल हैं। अगर यात्रा के दौरान किसी को स्वास्थ्य संबंधी कोई परेशानी होती है तो मेडिकल डॉक्यूमेंट जरूरी हैं।