पेरिस। धर्मबीर ने पुरुषों की क्लब थ्रो एफ51 स्पर्धा का पैरालंपिक स्वर्ण पदक टीम के अपने साथी और कोच अमित कुमार सरोहा को समर्पित किया है और उम्मीद जताई कि उनकी उपलब्धि पैरा एथलीटों की अगली पीढ़ी को विरासत को आगे ले जाने के लिए प्रेरित करेगी। पैंतीस वर्षीय धर्मबीर ने बुधवार को पैरालंपिक में 34.92 मीटर के थ्रो के साथ एशियाई रिकॉर्ड तोड़कर स्वर्ण पदक जीता जबकि प्रणव सूरमा ने 34.59 मीटर के प्रयास से रजत पदक अपने नाम किया। अमित हालांकि पोडियम तक पहुंचने में असफल रहे और स्पर्धा में अंतिम स्थान पर रहे।
धर्मबीर ने कहा, ‘‘मैं बहुत गौरवांवित महसूस कर रहा हूं। किसी भी खिलाड़ी के लिए ओलंपिक (पैरालंपिक) में पदक जीतना एक सपना होता है और मेरा सपना इसके साथ सच हो गया। मेरे मार्गदर्शक अमित कुमार सरोहा ने इसमें बड़ी भूमिका निभाई है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम उनके (अमित) बारे में जानने के बाद इस खेल में आए, मुझे उम्मीद है कि अगली पीढ़ी (एथलीटों की) हमें देखेगी और इस खेल में शामिल होगी।’’ अमित से मार्गदर्शन लेने वाले धर्मबीर ने पदक को इस अनुभवी खिलाड़ी को समर्पित किया। उन्होंने कहा, ‘‘मैं यह पुरस्कार अपने गुरू अमित सरोहा को समर्पित करता हूं। उनका आशीर्वाद शुरू से ही मेरे साथ है और इसी वजह से मैं यह पदक जीत पाया।’’