प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भोपाल में लोकमाता देवी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती के अवसर पर एक स्मारक डाक टिकट और 300 रुपये का विशेष सिक्का जारी किया। साथ ही, उन्होंने इंदौर मेट्रो की येलो लाइन और दतिया व सतना हवाई अड्डों का वर्चुअल उद्घाटन किया। जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यह कार्यक्रम देवी अहिल्याबाई की सोच को आगे बढ़ाने वाला है। उन्होंने पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि अब गोली का जवाब गोले से दिया जाएगा। उनके भाषण की प्रमुख बातें निम्नलिखित हैं:
01- आतंकवाद पर कड़ा रुख: पीएम मोदी ने कहा, “पहलगाम में आतंकियों ने न केवल भारतीयों का खून बहाया, बल्कि हमारी संस्कृति पर हमला करने और समाज को बांटने की कोशिश की। उन्होंने नारी शक्ति को चुनौती दी, जो आतंकियों और उनके आकाओं के लिए काल बन गई है।”
02- सिंदूर का प्रतीकात्मक महत्व: पीएम ने कहा, “सिंदूर हमारी परंपरा और नारी शक्ति का प्रतीक है। हनुमान जी ने राम रंग में रंगे होकर सिंदूर का श्रृंगार किया था। शक्तिपूजा में भी सिंदूर अर्पित किया जाता है। यह शौर्य का प्रतीक बन गया है।”
03- ऑपरेशन सिंदूर की सफलता: उन्होंने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर भारत के इतिहास का सबसे बड़ा और सफल आतंकवाद-विरोधी अभियान है। पाकिस्तान ने सपने में भी नहीं सोचा था कि हमारी सेना सैकड़ों किलोमीटर अंदर घुसकर आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर देगी।”
04- आतंकवाद के खिलाफ चेतावनी: पीएम ने चेतावनी दी, “ऑपरेशन सिंदूर ने स्पष्ट कर दिया है कि प्रॉक्सी वार अब नहीं चलेगी। हम घर में घुसकर मारेंगे और जो आतंकियों की मदद करेगा, उसे भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। भारत का हर नागरिक कह रहा है कि गोली का जवाब गोले से दिया जाएगा।”
05- बीएसएफ की वीर बेटियों की प्रशंसा: पीएम ने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर नारी शक्ति के सामर्थ्य का प्रतीक है। बीएसएफ की बेटियों ने कश्मीर से गुजरात तक मोर्चा संभाला और सीमा पार से होने वाली फायरिंग का जवाब दिया। उनकी वीरता को पूरी दुनिया देख रही है।”
06- महिला वैज्ञानिकों का योगदान: पीएम ने बताया, “हमारे बड़े स्पेस मिशनों में महिला वैज्ञानिकों की बड़ी भूमिका है। चंद्रयान-3 में 100 से अधिक महिला वैज्ञानिक और इंजीनियर शामिल थीं।”
07- लोकमाता अहिल्याबाई की प्रेरणा: पीएम ने कहा, “आज लोकमाता अहिल्याबाई की 300वीं जयंती 140 करोड़ भारतीयों के लिए प्रेरणा का अवसर है। उनका कहना था कि शासन का मतलाब होता है जनता की सेवा करना और अपने प्रयासों से उनके जीवन में सुधार लाना है।”
08- भारतीय संस्कृति की रक्षा: उन्होंने कहा, “देवी अहिल्याबाई भारत की सांस्कृतिक विरासत की संरक्षक थीं। जब मंदिरों और तीर्थ स्थलों पर हमले हो रहे थे, तब उन्होंने काशी विश्वनाथ सहित कई मंदिरों का पुनर्निर्माण करवाया।”
09- लोकमाता अहिल्याबाई का नेतृत्व: पीएम ने कहा कि, “250-300 साल पहले, जब देश गुलामी की जंजीरों में जकड़ा था, उस समय तब लोकमाता ने प्रभुसेवा और जनसेवा को एक ही माना। उस चुनौतीपूर्ण समय में उन्होंने अपने राज्य को समृद्धि की नई दिशा दी।”
10- सामाजिक सुधार: पीएम ने कहा, “आज जब हम लड़कियों की शादी की उम्र पर चर्चा करते हैं, तो कुछ लोग इसे धर्मनिरपेक्षता के लिए खतरा मानते हैं। लेकिन अहिल्याबाई ने उस समय भी इस मुद्दे पर विचार किया था।”