बाबासाहेब अंबेडकर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की टिप्पणी और उनके इस्तीफे की मांग को लेकर मचे बवाल के बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसदों ने कांग्रेस पार्टी के खिलाफ संसद परिसर में प्रदर्शन किया। भाजपा सांसदों ने परिसर में नारे लगाए और बैनर थामे हुए थे, “बाबासाहेब अंबेडकर जी का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।” इस दौरान केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह ने गांधी परिवार पर निशाना साधते हुए कहा कि इन सभी को भारत रत्न मिला है, लेकिन डॉ अंबेडकर को नहीं दिया।
डॉ. आंबेडकर पर अमित शाह की टिप्पणी के बाद विपक्षी दलों को केंद्र सरकार पर हमला बोलने का मौका मिल गया है। संसद से लेकर सड़क तक इस पर सियासी संग्राम मचा हुआ है। उधर बीजेपी ने भी विपक्ष पर पलटवार करने की तैयारी कर ली है। बीजेपी सांसदों ने गुरुवार को संसद परिसर में कांग्रेस के खिलाफ प्रदर्शन किया। सिंह ने कहा, “कांग्रेस पार्टी बाबासाहेब का अपमान करने वाली सबसे बड़ी पापी है। पूरे परिवार ने भारत रत्न ले लिया और बाबासाहेब को नहीं दिया…कांग्रेस पार्टी को अपने पापों का प्रायश्चित करने के लिए 24 घंटे का उपवास रखना चाहिए और मौन व्रत लेना चाहिए।”
जेडीयू सांसद और केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह ने कहा कि सिर्फ मल्लिकार्जुन खड़गे ही नहीं बल्कि पूरी कांग्रेस पार्टी नकारात्मक प्रचार के लिए गृह मंत्री के भाषण को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रही है। एएनआई से बात करते हुए सिंह ने दावा किया कि अमित शाह ने उदाहरणों के साथ समझाया कि कैसे कांग्रेस ने बाबासाहेब अंबेडकर का अपमान किया है। उन्होंने कहा, “मल्लिकार्जुन खड़गे इसका सिर्फ एक हिस्सा हैं। पूरी कांग्रेस पार्टी नकारात्मक प्रचार के लिए गृह मंत्री के भाषण को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रही है। गृह मंत्री ने लोकसभा में उदाहरणों के साथ समझाया कि कैसे कांग्रेस ने भीमराव अंबेडकर का अपमान किया है। पंडित नेहरू आरक्षण के खिलाफ थे… भीमराव अंबेडकर को भाजपा के कार्यकाल में भारत रत्न मिला।” यह तब हुआ जब अमित शाह ने बुधवार शाम को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कांग्रेस पर “अंबेडकर विरोधी और संविधान विरोधी” होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि उनके बयान को “तोड़-मरोड़ कर” पेश किया गया।
कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे के इस्तीफे की मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए शाह ने कहा कि इससे कांग्रेस पार्टी के भाग्य पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। शाह ने दावा किया कि उनके इस्तीफे के बावजूद कांग्रेस पार्टी अगले 15 साल तक विपक्ष में ही रहेगी। शाह ने कहा कि कांग्रेस प्रमुख को अपनी पार्टी के “नापाक प्रयासों” का समर्थन नहीं करना चाहिए था। उन्होंने आरोप लगाया कि दलित समुदाय से आने वाले खड़गे “राहुल गांधी के दबाव” में इस प्रयास में शामिल हुए थे। शाह ने कहा, “खड़गे जी मेरा इस्तीफा मांग रहे हैं। अगर इससे उन्हें खुशी होती तो मैं इस्तीफा दे देता, लेकिन इससे उनकी समस्याएं खत्म नहीं होंगी क्योंकि उन्हें अगले 15 साल तक उसी स्थान (विपक्ष में) पर बैठना होगा। मेरे इस्तीफे से इसमें कोई बदलाव नहीं आएगा