नेशनल डेस्क: आम आदमी पार्टी (AAP) और दिल्ली की अगली मुख्यमंत्री बनने जा रहीं आतिशी पर तीखा हमला करते हुए राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने आरोप लगाया कि दिल्ली के मंत्री के माता-पिता ने 2001 के संसद हमले के दोषी अफजल गुरु की मौत की सजा को रद्द करने के लिए दया याचिका लिखी थी। आतिशी को “डमी सीएम” कहते हुए आप नेता ने कहा, “भगवान दिल्ली की रक्षा करें।” उन्होंने एक कथित पत्र भी साझा किया, जिसके बारे में उनका दावा है कि यह आतिशी के माता-पिता द्वारा लिखी गई दया याचिका है।
आतंकी को बचाने के लिए लड़ाई लड़ी- मालीवाल
मालीवाल ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “आज दिल्ली के लिए बहुत दुखद दिन है। आज एक ऐसी महिला को दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाया जा रहा है, जिसके परिवार ने आतंकवादी अफजल गुरु को फांसी से बचाने के लिए लंबी लड़ाई लड़ी। उसके माता-पिता ने आतंकवादी अफजल गुरु को बचाने के लिए माननीय राष्ट्रपति को दया याचिका लिखी थी। उनके अनुसार, अफजल गुरु निर्दोष था और उसे राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया गया था।” उन्होंने पोस्ट में लिखा, “हालांकि आतिशी मार्लेना सिर्फ एक ‘डमी सीएम’ हैं, फिर भी यह मुद्दा देश की सुरक्षा से जुड़ा है। भगवान दिल्ली की रक्षा करें!”
आतिशी होंगी दिल्ली की नई सीएम
इससे पहले आज आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पार्टी विधायकों की बैठक में अपने उत्तराधिकारी के तौर पर आतिशी के नाम का प्रस्ताव रखा। सूत्रों के मुताबिक, इसके बाद उन्हें दिल्ली आप विधायक दल का नेता चुन लिया गया। सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में अपने आवास पर विधायक दल की बैठक को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने यह प्रस्ताव रखा और विधायकों ने उनका समर्थन किया। केजरीवाल आज शाम 4:30 बजे उपराज्यपाल वीके सक्सेना को अपना इस्तीफा सौंप सकते हैं, जिसके बाद आतिशी के शपथ लेने की संभावना है।
गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने केजरीवाल के पूर्व सहयोगी बिभव कुमार पर सीएम आवास पर हमला करने का आरोप लगाया था। बिभव को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था, लेकिन हाल ही में वह जमानत पर बाहर आया है।
जनता चुनती है तो यह ईमानदारी का प्रमाणपत्र होगा
शनिवार को केजरीवाल ने घोषणा की कि वे इस्तीफा दे देंगे और तब तक मुख्यमंत्री के रूप में काम नहीं करेंगे जब तक कि दिल्ली के लोग उन्हें “ईमानदार” घोषित नहीं कर देते। उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी में फरवरी में होने वाले चुनावों से पहले इस साल नवंबर में चुनाव कराने की भी मांग की है। केजरीवाल ने कहा कि अगर जनता उन्हें फिर से चुनती है तो यह उनकी ईमानदारी का “प्रमाणपत्र” होगा।