दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में बेसमेंट में चल रहे कोचिंग सेंटर में शनिवार को पानी भरने से एक छात्र और तीन छात्रों की मौत हो गई थी. इस हादसे का एक और वीडियो सामने आया है. इसमें साफ दिख रहा है कि ओल्ड राजेंद्र नगर में पानी भरा हुआ था, तभी एक थार गाड़ी निकली और उसके बाद कोचिंग सेंटर में पानी घुसना शुरू हो गया, क्योंकि पानी के प्रेशर से सेंटर का गेट टूट गया था. ऐसे में सोशल मीडिया पर लोग ये सवाल उठा रहे हैं कि कार वाले की इसमें क्या गलती थी. जिस पर दिल्ली पुलिस ने कार्रवाई की है.
पुलिस की कार्रवाई के बाद लोगों के मन में कई सवाल उठ रहे हैं, जिन्हें हमने जानने की कोशिश की है. क्या उसे इस बात का ध्यान रखना चाहिए था कि पानी भरा हुआ है और कार धीरे चलानी है, क्योंकि गेट टूट सकता है?,पानी क्यों भरा हुआ था?, उसकी निकासी क्यों नहीं थी?, कोचिंग सेंटर बेसमेंट में क्यों चल रहा था?, वहां नियमों की क्यों अनदेखी हो रही थी?, क्या कर रहे थे दिल्ली नगर निगम, दिल्ली सरकार और अन्य विभाग के अधिकारी?, क्या उनकी कोई जवाबदेही नहीं बनती?
एसयूवी चालक मनुज कथूरिया को पानी में तेज गाड़ी चलाने और उसकी वजह से सेंटर के ‘गेट को नुकसान पहुंचाने’ के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.उस पर गैर इरादतन हत्या का आरोप लगा है. अदालत ने उसे 14 दिनों के लिए जेल भेज दिया है. इस मामले में अभी तक किसी सरकारी अधिकारी को गिरफ्तार नहीं किया गया है.
लोगों का कहना है कि एक आदमी ने कार पानी में क्या चला ली, उसी को गिरफ्तार कर लिया? अमूमन लोग पानी में इस वजह से कार तेजी से निकालते हैं. ताकि कार बंद न हो जाए. लोगों का कहना है कि क्या कार मालिक को सपना आ रहा था कि वो तेज कार चलाएगा तो पानी के प्रेशर से सेंटर का गेट टूट जाएगा और हादसा हो जाएगा? लोगों का कहना है कि पुलिस को असली आरोपियों को गिरफ्तार करना चाहिए.
जांच के लिए बनाई कमेटी
उधर, जांच के लिए गृह मंत्रालय ने एक कमेटी का गठन किया है. ये कमेटी हादसे के कारणों का पता लगाएगी, जिम्मेदारी तय करेगी, उपाय सुझाएगी और नीतिगत बदलाव की सिफारिश करेगी. कोचिंग सेंटर में हुए हादसे के बाद से दिल्ली पुलिस और दिल्ली नगर निगम का लगातार एक्शन जारी है. अब तक 19 सेंटर्स सील किए गए हैं. सोमवार को राजेंद्र नगर और मुख़र्जी नगर में सीलिंग ड्राइव भी चलाई गई.
मेयर शैली ओबरॉय ने बताया कि इस मामले में JE को टर्मिनेट किया गया है, जबकि AE को सस्पेंड कर दिया गया है. 7 लोगों को अभी तक गिरफ्तार किया जा चुका है. गृह मंत्रालय ने जो कमेटी बनाई है, इसमें अतिरिक्त सचिव, MoUHA, प्रधान सचिव (गृह), दिल्ली सरकार, विशेष CP, दिल्ली पुलिस, अग्निशमन सलाहकार और संयुक्त सचिव, MHA संयोजक के रूप में होंगे. ये समिति 30 दिनों में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.
स्टूडेंट्स में गुस्सा
घटना के बाद स्टूडेंट्स में गुस्सा बना हुआ है. मुखर्जी नगर में छात्र इन मौतों के लिए प्रशासन को जिम्मेदार ठहराते हुए प्रदर्शन कर रहे हैं. ये छात्र सड़कों को अवरुद्ध कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई और छात्रों की सुरक्षा की मांग कर रहे हैं.
मॉडल टाउन के एसडीएम राजीव सिन्हा देर रात प्रदर्शन कर रहे छात्रों से मिलने मुखर्जी नगर पहुंचे. दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मृतकों के परिवार वालों के लिए 10 लाख रुपये की मदद का ऐलान किया है.
वहीं, सोमवार को एमसीडी ने नेहरू विहार स्थित कोचिंग सेंटर दृष्टि (द विजन) को सील कर दिया. एमसीडी ने बताया कि सर्वे के दौरान दिल्ली के नेहरू विहार स्थित टावर नंबर 1,2 और 3 के संयुक्त बेसमेंट में कोचिंग चलती हुई पाई गई, जिसे सील कर दिया गया है. इससे पहले रविवार को दिल्ली नगर निगम ने बेसमेंट में अवैध रूप से चल रहे 13 कोचिंग सेंटरों को सील कर दिया था. साथ ही कोचिंग सेंटरों पर नोटिस भी चस्पा कर दिया था.
बायोमैट्रिक सिस्टम फेल होने से दरवाजा नहीं खुला!
शनिवार शाम करीब 6.20 बजे भारी बारिश हुई. इससे मुख्य सड़क पर पानी भर गया. RAU’S IAS स्टडी सर्किल के बेसमेंट में लाइब्रेरी है और वहां स्टूडेंट्स पढ़ाई कर रहे थे. कोचिंग सेंटर में पानी जाने से रोकने के लिए गेट बंद किया गया था. इस बीच कुछ वाहनों के स्पीड से गुजरने के कारण प्रेशर बढ़ा तो पानी कांच का गेट तोड़कर सीढ़ियों से बेसमेंट में जाने लगा और दो मिनट के अंदर 10 से 12 फीट तक पानी अंदर घुस गया. बेसमेंट में सिर्फ एक एंट्री और एग्जिट पॉइंट था और ये बायोमेट्रिक था. बाढ़ के कारण सिस्टम संभवत: बंद हो गया था.
लाइब्रेरी में पानी भरने से वहां बैठे 30 से ज्यादा स्टूडेंट्स फंस गए. बेसमेंट के दरवाजे पर में कुछ दिन पहले ही बायोमैट्रिक सिस्टम लगाया गया था. पंच करने से ही गेट खुलता है. संभवत: पानी भरने और बिजली सप्लाई ना होने से बायोमैट्रिक सिस्टम फेल गया. ऐसे में अंदर फंसे स्टूडेंट्स बाहर नहीं निकल सके.
प्रत्यक्षदर्शी स्टूडेंट्स बताते हैं कि बहाव बेहद तेज था. बाहर निकलने का कोई दूसरा रास्ता नहीं दिख रहा था. कई स्टूडेंट्स को रस्सियों की मदद से निकाला गया.
बिल्डिंग रेगुलेशन का उल्लंघन किया गया
सूत्रों का कहना है कि बेसमेंट से लेकर तीसरी मंजिल तक बिल्डिंग रेगुलेशन का उल्लंघन किया गया. अगस्त 2023 में एमसीडी ने कोचिंग सेंटर के मालिक को कारण बताओ नोटिस जारी किया था. इस साल 9 जुलाई को बिल्डिंग मालिक ने अग्नि अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) प्राप्त कर लिया. बेसमेंट और उसके ऊपर की तीन मंजिलों का दुरुपयोग जारी रहा.
मानसून की शुरुआत से पहले सड़क किनारे नालियों की साफ-सफाई नहीं हो सकी और दूसरा, बेसमेंट जहां लाइब्रेरी थी, वहां पानी निकालने की कोई व्यवस्था नहीं थी। ये वजहें भी इस हादसे की मानी जा रही है.
क्या नियमों का पालन सख्ती से होगा?
अब एक तरफ सीलिंग की कार्रवाई चल रही है, दूसरी तरफ दिल्ली पुलिस की. सिस्टम कैसे सुधरे, इसके लिए कमेटी बना दी गई है. लेकिन सवाल वो ही है कि क्या कमेटी की सिफारिशों का पालन किया जाएगा? क्या एजेंसियां समय-समय पर ये चेक करती रहेगी कि सिफारिशों का पालन हो रहा है या नहीं? या खुद से ही कोचिंग सेंटर मालिक नियमों के प्रति सजग रहेंगे, ये सबसे बड़ा सवाल है.

