अयोध्या। आध्यात्मिक कथावाचक मोरारी बापू अयोध्या के राम मंदिर के निर्माण में सबसे बड़े दानसेवा के रूप में उभरे हैं। उन्होंने कुल 18.6 करोड़ रुपये का दानसेवा किया है। इतनी बड़ी सहायता राशि में से भारत में 11.30 करोड़ रुपये, यूके और यूरोप से 3.21 करोड़ रुपये, अमेरिका, कनाडा तथा कई अन्य देशों से 4.10 करोड़ रुपये के योगदान से इकट्ठी की गई थी।
अगस्त 2020 में कोविड काल में जब गुजरात के पिठोरिया में मोरारी बापू की एक ऑनलाइन कथा हुई थी जिसमें उन्होने राम मंदिर के निर्माण में योगदान देने की इच्छा व्यक्त करते हुये अपने अनुयायियों से दान की अपील की थी। मोरारी बापू ने बताया “हमने मात्र 15 दिनों में राम जन्मभूमि ट्रस्ट को लगभग 11.3 करोड़ रुपये पहले ही सौंप दिए थे। बाकी रकम जो विदेशों से जुटाई गई है उसे आवश्यक क्लियरेंस सर्टिफिकेट दे दिया गया है। और इस साल फरवरी में जब मैं कथा करूंगा तो राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट को बकाया राशि दे दी जाएगी।
कुल मिला कर दानसेवा 18.6 करोड़ रुपये है।”
मोरारी बापू इस साल 24 फरवरी से 3 मार्च तक अयोध्या में राम कथा करेंगे। बापू ने बताया कि राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय अक्टूबर 2023 में बरसाना में चल रही एक राम कथा के दौरान उनसे मिलने आए थे। उन्होने 22 जनवरी को राम मंदिर के उद्घाटन समारोह और मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा में आमंत्रित किया। उन्होंने राम लला के अभिषेक के बाद 24 फरवरी से 03 मार्च तक अयोध्या में कथा करने के लिए भी आमंत्रित किया था।
कथावाचक ने कहा कि अयोध्या के नए मंदिर में वेद, वाल्मिकी रामायण और गोस्वामी तुलसीदास की राम चरित मानस को रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा “ऐसा नहीं है कि मुझसे पूछा गया है, लेकिन मुझे लगता है कि वेद भगवान, वाल्मिकी जी की रामायण और गोस्वामी तुलसीदास जी की राम चरित मानस को अयोध्या में राम मंदिर में रखा जाना चाहिए।”