सम सरकार ने शुक्रवार को कैबिन मीटिंग में एक बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने राज्य में बाल विवाह पर रोक के लिए मुस्लिम विवाह एवं तलाक पंजीकरण कानून, 1935 खत्म कर दिया है। असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा ने सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा ’23 फरवरी को असम कैबिनेट ने एक अहम फैसला लेते हुए वर्षों पुराने असम मुस्लिम विवाह एवं तलाक पंजीकरण कानून को वापस ले लिया गया है। इस कानून में ऐसे प्रावधान थे कि अगर दूल्हा और दुल्हन शादी की कानूनी उम्र यानी लड़कियों के लिए 18 साल और लड़कों के लिए 21 साल के नहीं हुए हैं, तो भी शादी को पंजीकृत कर दिया जाता था। यह असम में बाल विवाह रोकने की दिशा में अहम कदम है।’
Trending
- Qaumi Patrika, Saturday , 27th July 2024
- कांवड़ के दौरान भोजनालयों पर नाम संबंधी निर्देश ‘संभावित भ्रम’ से बचने के लिए: यूपी सरकार
- Share Market: स्टॉक मार्केट में जबरदस्त उछाल,ऑल टाइम हाई पर बंद हुआ Nifty
- सालों की खांसी को Cancer समझ रहे थे शख्स और डॉक्टर, सच मालूम हुआ तो छूट गई हंसी !
- अलीगढ़ में भीषण हादसा… बस चला रहे ड्राइवर को आई नींद, ट्रक से हुई टक्कर तो मच गई चीख-पुकार, महिला सहित 2 की मौत
- विपक्षी बहिष्कार में ‘फूट’… ममता बनर्जी के बाद हेमंत सोरेन भी नीति आयोग की बैठक में होंगे शामिल
- ग्रेटर नोएडा वेस्ट के निवासियों को फिर मिली निराशा : मेट्रो से सफर का सपना रहेगा अधूरा, बजट ने भी घोटा उम्मीदों का गला
- शौर्यगाथा के 25 वर्ष: भारत की सेना, हिन्द का करती है जयगान, कारगिल की माटी पर बलिदान देने वाला हर वीर महान!