नेशनल डेस्क: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। देश भर से पहुंचे श्रद्धालुओं की भीड़ ने तमाम व्यवस्थाओं और दावों की पोल खोल दी है। भीड़ को देखते हुए सरकार ने 30 मई तक ऑफलाइन पंजीकरण पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। वहीं ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन में जून से आगे की तारीख मिल रही है। ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन करने के इंतजार में हरिद्वार में ही इस समय 60 हजार से ज्यादा श्रद्धालु इंतजार में है, जिन्हें पुलिस वापस भेजने की कवायद कर रही है। जिसके चलते कई बार पुलिस के साथ नोंकझोंक और खींचतान हो रही है।
मंगलवार को पुलिस ने कई जगह श्रद्धालुओं को खदेड़ भी दिया। चारधाम की यात्रा की जोश से भरे हुए श्रद्धालुओं को कई दिनों से हरिद्वार से आगे जाने का रास्ता न मिला तो वे निराशा, गुस्से और पीड़ा से भर गए हैं। हजारों लौट गए हैं और हजारों हरिद्वार में ही इंतजार में हैं कि क्या पता, कुछ हो ही जाये। इनमें कुछ ऐसे पीड़ित भी है, जिनको टूर ऑपरेटरों की लापरवाही या कहें कि धोखाधड़ी का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। ऐसे लोगों को न टूर ऑपरेटरों ने पैसे वापस किए और न ही कोई जवाब दे रहे हैं।
यमुनोत्री में घोड़ा-खच्चर व पालकी के लिए धारा 144
यमुनोत्री धाम में सोमवार देर रात से पैदल यात्रा मार्ग पर तीर्थयात्रियों के आवागमन को सुगम बनाने के लिए धारा 144 लगा दी गई है। मंगलवार को जिसका कुछ असर यमुनोत्री पैदल मार्ग पर देखने को मिला। घोड़ा-खच्चर व पालकी की संख्या निश्चित समय अंतराल के लिए तय की गई है। अब निश्चित समय पर 800 घोड़े-खच्चर और 300 पालकी भेजी जा रही हैं।
बद्रीनाथ और केदारनाथ में अब ज्यादा श्रद्धालु पहुंच रहे
केदारनाथ में मोटर मार्ग गौरीकुंड तक है, लेकिन यात्री वाहन सोनप्रयाग तक ही आ सकते हैं। सोनप्रयाग में अब पहले की अपेक्षा ज्यादा यात्री पहुंच रहे हैं। जिससे कुछ यात्री होटल-धर्मशालाओं की तलाश में 5 किमी आगे गौरीकुंड पहुंच रहे हैं। उधर, बद्रीनाथ तक तो यात्री आराम से पहुंच रहे हैं, लेकिन यहां दर्शन में अभी भी पांच से छह घंटे तक लग रहे हैं।