नई दिल्ली 9 जनवरी । सेवा विभाग द्वारा आयोजित आज के समारोह में माननीय उपराज्यपाल ने नए भर्ती किए गए 398 सरकारी कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र सौंपे, जिन्हें शिक्षा निदेशालय, सूचना और प्रौद्योगिकी विभाग, दिल्ली परिवहन निगम, दिल्ली नगर निगम, नई दिल्ली नगरपालिका परिषद, श्रम विभाग, दिल्ली कृषि विपणन बोर्ड, दिल्ली जल बोर्ड जैसे विभिन्न विभागों / स्थानीय निकायों/स्वायत्त निकायों में नियुक्त किया जा रहा है। सेवा विभाग और नई दिल्ली नगर निगम द्वारा अनुकंपा के आधार पर 149 नियुक्तियां की गई हैं। नई नियुक्तियों में महिला, दिव्यांग और अन्य आरक्षित श्रेणियों के लोग शामिल हैं।
आज का आयोजन 24.02.2023, 19.04.2023 और 30.06.2023 को आयोजित पिछले कार्यक्रमों के क्रम में अपनी तरह का चौथा समारोह था। इन अवसरों के दौरान, माननीय उपराज्यपाल ने लगभग 3400 नियुक्ति पत्र वितरित किए। दिल्ली के मुख्य सचिव ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार के विभिन्न विभागों, स्थानीय निकायों और स्वायत्त निकायों के प्रमुखों के साथ-साथ अन्य सम्मानित अतिथियों के साथ इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।
श्री ए. के. सिंह, आईएएस, प्रमुख सचिव (सेवाएं) ने स्वागत भाषण दिया और नवनियुक्त सरकारी
कर्मचारियों को बधाई दी। उन्होंने श्रोताओं को बताया कि सभी संबंधित विभागों के ठोस प्रयासों के कारण सेवा विभाग के लिए इन समारोहों को त्वरित रूप से आयोजित करना संभव हो पाया है। उन्होंने श्रोताओं को सूचित किया कि माननीय उपराज्यपाल के मार्गदर्शन और निर्देशन में दिल्ली सरकार में अनुकंपा नियुक्ति के लिए एक संशोधित योजना तैयार की गई है, जो न केवल निष्पक्ष और पारदर्शी है, बल्कि मृतक सरकारी कर्मचारी की वित्तीय स्थिति के संतुलित और वस्तुनिष्ठ मूल्यांकन की सुविधा भी प्रदान करती है। उन्होंने दर्शकों को आगे बताया कि भर्ती प्रक्रिया के अलावा, सेवा विभाग ने माननीय उपराज्यपाल, दिल्ली द्वारा निर्धारित दृष्टिकोण और प्राथमिकताओं के अनुसार भर्ती नियमों और अन्य सेवा संबंधी मुद्दों को नियंत्रित करने वाले नियमों को फिर से तैयार करने/ संशोधित करने के लिए सक्रिय उपाय किए हैं।
डीएसएसएसबी के अध्यक्ष ने आज के समारोह के दौरान प्रस्तुत अपनी रिपोर्ट में माननीय उपराज्यपाल दिल्ली के निर्देशन और निगरानी में हासिल किये गये डीएसएसएसबी की हाल के दिनों की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। अपने संबोधन में बताया कि पिछले डेढ़ वर्षों में बोर्ड की दक्षता में महत्वपूर्ण सुधार हुआ है और यह प्रतियोगी परीक्षाओं के संचालन के लिए एक कुशल और पारदर्शी तंत्र स्थापित करने में सक्षम रहा है, जो पेपरलेस, संपर्क रहित और परीक्षा केंद्रों पर बायोमेट्रिक जांच के साथ ऑनलाइन है। प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के लिए उठाए गए विभिन्न कदमों के साथ, परिणामों की घोषणा में लगने वाला समय पहले के 12 महीनों की तुलना में 6 से 8 महीने तक हो गया है। 10 ही किया जा चुका है। 9000 रिक्तियों चयन भर्ती के विभिन्न चरणों में है और 13000 2/4 की जा रही है। अगले डेढ़ साल की अवधि के भीतर लगभग 22,000 और रिक्तियां भरी जाएंगी। हते जांच
नवनियुक्त सरकारी कर्मचारियों ने भी इस अवसर पर अपने विचार रखे और आभार व्यक्त करते हुए बड़ी निष्ठा, ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ कार्य करने का संकल्प लिया।
मुख्य सचिव ने भी श्रोताओं को संबोधित किया। उन्होंने जीएनसीटीडी की सरकारी सेवा में प्रवेश करने पर नए भर्ती किए गए सरकारी कर्मचारियों को बधाई दी और उनसे आग्रह किया कि उन्हें पहले दिन से ही पूरे जुनून और उत्साह के साथ काम करना चाहिए। उन्होंने उनसे अपनी सीखने की प्रक्रिया जारी रखने का भी आग्रह किया। मुख्य सचिव ने विभिन्न विभागों के प्रयासों की भी सराहना की, जिसके कारण नई भर्तियां पहले से कहीं अधिक तेजी से करना संभव हो पाया है। उन्होंने दर्शकों को बताया कि पिछले डेढ़ वर्षों के दौरान नई भर्तियों में भारी वृद्धि हुई है। ये सभी नियुक्तियां एक खुली, निष्पक्ष और पारदर्शी भर्ती प्रणाली के माध्यम से स्थायी आधार पर की गई हैं और संविदा और तदर्थ नियुक्तियों की प्रक्रिया समाप्त कर दी गई है।
माननीय उपराज्यपाल ने दिल्ली के लोगों की ओर नवनियुक्त सरकारी कर्मचारियों को बधाई दी और सूचित किया कि जब से उन्होने दिल्ली के उपराज्यपाल का कार्यभार संभाला है, तब से वह तदर्थ और संविदा भर्ती के बजाय सरकारी रिक्तियों को स्थायी रूप से भरने पर जोर दे रहे हैं, क्योंकि तदर्थ और संविदा भर्ती की प्रक्रिया मे पक्षपात और भ्रष्टाचार की सम्भावना होती है जिसमे वैसे नागरिकों का शोषण होता है जो नौकरी के हकदार हैं। उन्होंने नियुक्तियों की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के लिए कई बैठकों की अध्यक्षता की थी, जिसके कारण दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (डीएसएसएसबी) द्वारा भर्ती प्रक्रियाओं को अभूतपूर्व गति मिली है। माननीय उपराज्यपाल ने मुख्य सचिव को विशेष रूप से बधाई दी, जिनकी देखरेख में दिल्ली में स्थायी रोजगार का सृजन और उनकी भर्ती प्रक्रिया संस्थागत हो गई है।
उन्होंने आगे बताया कि अनुकंपा के आधार पर दिए गए 149 नियुक्ति पत्रों में से 103 आश्रितों को सेवा विभाग द्वारा नियुक्त किया गया है और 46 आश्रितों को एनडीएमसी द्वारा नियुक्त किया गया है। इसके अलावा मई 2022 और मई 2023 के बीच की अवधि के दौरान, मुख्य रूप से शिक्षा विभाग में डीएसएसएसबी के माध्यम से 15,367 पद भरे गए, एनडीएमसी ने केंद्र सरकार की मदद से लगभग 4,500 व्यक्तियों की भर्ती की, 376 पद यूपीएससी के माध्यम से भरे गए, जिनमें से 324 पद दिल्ली में खाली पड़े प्रिंसिपल/वाइस प्रिंसिपलों के थे। डीएसएसएसबी के माध्यम से दिल्ली अग्निशमन सेवा के 500 पदों के अलावा डीटीसी और श्रम विभाग के पदों को भी भरा गया था।
माननीय उपराज्यपाल ने विशेष रूप से जीएनसीटीडी में अनुकंपा नियुक्ति की एक निष्पक्ष और पारदर्शी योजना तैयार करने के लिए सेवा विभाग के प्रयासों की सराहना की, जिससे अनुकंपा नियुक्तियों के लिए आवेदकों के वित्तीय स्थिति का यथार्थवादी और वस्तुनिष्ठ मूल्यांकन संभव हो सका है। माननीय उप- राज्यपाल ने श्रोताओं को सूचित किया कि अनुकंपा के आधार पर आश्रितों को जारी किए गए नियुक्ति पत्र पहली बार पूरी तरह से पारदर्शी प्रक्रिया से गुजरे हैं, जिसमें चयन किये गये आवेद्को की सूची को सार्वजनिक डोमेन में रखा गया था, ताकि कोई भी उसे देख सके और अपनी आपत्ति या शिकायत दर्ज करा सके। इस प्रक्रिया से सुनिश्चित किया गया है कि अनुकंपा आधार पर नौकरी प्रदान करने मे पक्षपात या भ्रष्टाचार न हो और आश्रितों को किसी तरह की परेशानी न हो।
नियुक्ति पत्रो के वितरण के तुरंत बाद विज्ञान भवन में नई भर्तियों को संबोधित करते हुए, माननीय उपराज्यपाल ने बताया कि दिल्ली सरकार / स्थानीय निकायों के विभिन्न विभागों/एजेंसियों की 22,000 रिक्तियों को अगले डेढ़ साल के अंदर स्थायी तौर पर भरा जाएगा।
माननीय उपराज्यपाल ने आगे कहा कि कोई भी नौकरी छोटी या बड़ी नहीं होती बल्कि काम के प्रति जिम्मेदारी मायने रखती है। जिसे भी जो काम मिला है, उसे उस काम को दृढ़ विश्वास के साथ प्रतिबद्धता, समर्पण और ईमानदारी से निभाना है। माननीय उपराज्यपाल ने आगे जोर देकर कहा कि सरकारी नौकरी आजीविका का एक माध्यम मात्र नहीं है, बल्कि देश की सेवा और देश की तरक्की में एक महत्वपूर्ण योगदान का अवसर है।
समारोह का समापन जिला मजिस्ट्रेट (नई दिल्ली) द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।