लखनऊ, ! उत्तर प्रदेश के कारागार एवं होमगार्ड्स राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मवीर प्रजापति ने आज लखनऊ जिला जेल में निरुद्ध ऐसे बंदी जिनसे उनके परिजन मिलने नहीं आते, उनको कंबल,गर्म कपड़े और हनुमान चालीसा व सुंदरकांड की पुस्तक वितरित की।
उन्होंने कैदियों से कहा इतनी ठंड में और खराब मौसम के बावजूद आप लोगों के बीच में उपस्थित हुआ हूँ, इसमें मेरा क्या स्वार्थ है। इस पर बंदियों ने जवाब दिया कि मंत्री जी आपमें इंसानियत है और इंसानियत के नाते ही आप हमारे बीच में आये हैं। हम सभी आपको आश्वस्त करते हैं कि दोबारा हम गलती नहीं करेंगे। कारागार मंत्री ने एक सुझाव देते हुए कहा कि यहाँ पेशेवर कैदी भी रहते हैं। ऐसे अपराधियों से खुद को दूर रखें, क्योंकि वे आपसे छोटे मोटे अपराध की जगह बड़े अपराध करने के लिए प्रलोभन दे सकते हैं।
जेलों में रहते हुए विकसित करें हुनर
कारागार मंत्री ने संवाद के दौरान बंदियों से कहा कि जेलों में लघु, मध्यम एवं कुटीर उद्योगों के अंतर्गत बहुत से कार्य होते हैं। साथ ही कौशल विकास के तहत ट्रेनिंग भी दिये जाने की व्यवस्था है। उन्होंने कहा कि जेलों में रहते हुए आप कोई न कोई हुनर अवश्य सीखें जिससे कि जेलों से बाहर जाकर आप खुद का रोजगार शुरू कर सकें और अपने परिवार का भरण-पोषण कर सकें।
कार्यक्रम के दौरान डीआईजी मुख्यालय एके सिंह, डीआईजी सुभाष शाक्य, वरिष्ठ जेल अधीक्षक आशीष तिवारी, जेलर राजेन्द्र सिंह, सुरेश बहादुर, अजय राय, डिप्टी जेलर आशुतोष मिश्रा, वीरेन्द्र विक्रम सिंह, राम प्रताप प्रजापति, अजय कुलवंत, सुधाकर राव गौतम, निधि यादव, अंशु, सुकन्या पराशर उपस्थित रहे।