शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बृहस्पतिवार को अंतरिम बजट पेश होने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार का ‘‘आखिरी” बजट पेश किया है।
ठाकरे ने कहा कि सरकार को आखिरकार एहसास हुआ कि देश में इन चार वर्ग के लोग हैं। उन्होंने कहा, ”मोदी सरकार ने अपना आखिरी बजट पेश किया है। वित्त मंत्री को धन्यवाद देना चाहता हूं क्योंकि उन्होंने बहुत भारी मन से इस कार्य को किया और आखिरी बजट पेश किया।” सीतारमण ने लोकसभा चुनाव से पहले बृहस्पतिवार को लगातार अपना छठा बजट पेश किया। सीतारमण ने चुनाव से पहले बजट पेश किया जो तकनीकी रूप से अप्रैल में शुरू होने वाले नए वित्तीय वर्ष के पहले चार महीनों के लिए केंद्र सरकार के आवश्यक खर्च को पूरा करने के लिए लेखानुदान है। इसे अंतरिम बजट के रूप में जाना जाता है। अप्रैल-मई में प्रस्तावित लोकसभा चुनाव के बाद चुनी गई नई सरकार संभवतः जुलाई में पूर्ण बजट पेश करेगी।
बजट ने लोगों की उम्मीदों पर पानी फेरा- AAP
आम आदमी पार्टी (आप) की राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल ने बृहस्पतिवार को कहा कि 2024-2025 के अंतरिम बजट ने आम जनता की उम्मीदों पर पानी फेर दिया क्योंकि इसमें कोई कर रियायत नहीं दी गई है। मालीवाल ने हिंदी में सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘इस बार भी आम जनता की उम्मीदें धराशायी हो गईं। कोई कर रियायत नहीं, पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई कमी नहीं, महंगाई कम करने की कोई बात नहीं। महिलाओं की सुरक्षा और उनका उत्थान केवल कागजों पर।”
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2024-25 के लिए लेखानुदान या अंतरिम बजट पेश करते हुए व्यक्तियों और कॉरपोरेट जगत के लिए आयकर दरों के साथ-साथ सीमा शुल्क में कोई बदलाव नहीं करने का प्रस्ताव रखा। सीतारमण ने अपने एक घंटे से भी कम समय के बजट भाषण में पिछले 10 वर्षों में मोदी सरकार की उपलब्धियों का जिक्र किया जिन्होंने भारत को एक ‘नाजुक’ अर्थव्यवस्था से दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था में बदल दिया।