नई दिल्ली। भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ियों का लंदन ओलंपिक (2012) से शुरू हुआ पदक जीतने का सिलसिला 12 साल के बाद पेरिस ओलंपिक में थम गया, जो इस खेल के प्रशंसकों के लिए किसी निराशा की तरह था। लक्ष्य सेन ने पुरुष एकल के सेमीफाइनल में पहुंच कर पदक की उम्मीद जगाई थी लेकिन सेमीफाइनल और कांस्य पदक के मुकाबले में अच्छी स्थिति में होने के बावजूद उनकी हार चिंताजनक रही। रियो (2016) और टोक्यो (2021) में पदक जीतने वाली पीवी सिंधु से पेरिस में हैट्रिक की उम्मीद थी तो वहीं सात्विकसाइराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की पुरुष युगल जोड़ी को पदक का सबसे बड़ा दावेदार माना गया था। इन खिलाड़ियों के साथ पुरुष एकल में एच एस प्रणय और महिला युगल में अश्विनी पोनप्पा और तनीषा क्रास्टो की जोड़ी भी दबाव में बिखर गयी।
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