यू-डायस पोर्टल पर 657 और स्कूलों का पंजीकरण होने से अगले सत्र से शिक्षा का अधिकार (आरटीई) के तहत सीटों की संख्या काफी बढ़ जाएगी। इन स्कूलों के कारण बढ़ी हुई सीटें अगले सत्र से योजना के तहत पोर्टल पर जारी हो जाएंगी।
जिले में फिलहाल 1011 निजी स्कूलों में आरटीई के तहत प्रवेश कराए जाते हैं। इन स्कूलों में आरटीई के तहत लगभग 9 हजार सीटों पर आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के प्रवेश होते हैं। अगले सत्र से 657 स्कूल बढ़ने पर माना जा रहा है कि 3 हजार से अधिक सीटें बढ़ सकती हैं। आरटीई के तहत दाखिले में अक्सर अभिभावकों की वार्ड क्षेत्र में कम स्कूल होने की शिकायत सामने आती है।
माना जा रहा है कि अगले सत्र से स्कूल और सीटें बढ़ने से अभिभावकों को अपने ही वार्ड में भी अधिक स्कूल उपलब्ध हो सकेंगे। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सुरजीत कुमार सिंह ने बताया कि यू-डायस में मैपिंग के बाद ऐसे स्कूल जहां प्री-प्राइमरी या कक्षा-1 संचालित होती है, उनको आरटीई में पंजीकरण के लिए सूचना भिजवाई गई है। इन स्कूलों को जल्द ही अपने यहां की सीटों की संख्या पोर्टल पर भरनी है।
अनिवार्य सूचनाएं अपलोड कर चुके हैं स्कूल
657 नए निजी स्कूलों ने यू-डायस पोर्टल पर बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा मांगी गई अनिवार्य जानकारी अपलोड कर दी है। इसमें छात्र व शिक्षक संख्या, शिक्षकों की योग्यता, कक्षा का संचालन, पिछले वर्ष का परिणाम, उपलब्ध सुविधाओं की सूचना दी गई है।
खत्म होगी प्रवेश की मारामारी
स्कूलों व सीटों की संख्या बढ़ने से आरटीई के तहत होने वाली प्रवेश की मारामारी कम हो सकेगी। इस बार योजना के तहत 4 सूचियां जारी होने के बाद भी लगभग 2700 अभिभावक सीटों की कमी की वजह से योजना का लाभ लेने से वंचित रह गए हैं। इसके अलावा जिले में 2200 अभिभावकों ने स्कूलों में प्रवेश लेने से मना कर दिया। इनमें ज्यादातर अभिभावकों ने बच्चों को इसलिए प्रवेश नहीं दिलाया क्योंकि सूची में उनके बच्चों का प्रवेश घर से दूर या मनमाफिक स्कूल में नहीं था।