नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को संविधान को देश के वर्तमान और भविष्य का ‘मार्गदर्शक’ करार दिया और कहा कि विकसित भारत में हर किसी को गुणवत्तापूर्ण और सम्मानजनक जीवन मिले, यह सामाजिक न्याय का बहुत बड़ा माध्यम है और संविधान की भावना भी।
भारत के संविधान को अंगीकार किए जाने के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर उच्चतम न्यायालय के प्रशासनिक भवन परिसर के सभागार में संविधान दिवस समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने पिछले 10 वर्षों में अपनी सरकार की ओर से आरंभ की गई कई कल्याणकारी योजनाओं का उल्लेख भी किया और कहा कि इनसे लोगों के जीवन पर बहुत सकारात्मक प्रभाव हो रहा है, देश की प्रगति को गति मिल रही है और संविधान की मूल भावना भी सशक्त हो रही है।
उन्होंने कहा कि देश, काल और परिस्थिति के हिसाब से उचित निर्णय लेकर संविधान की समय-समय पर व्याख्या की जा सके, यह प्रावधान संविधान निर्माताओं ने किया है। उन्होंने कहा कि वे (संविधान निर्माता) यह जानते थे कि भारत की आकांक्षाएं और उसके सपने समय के साथ नई ऊंचाई पर पहुंचेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि वह जानते थे कि आजाद भारत और आजाद भारत के नागरिकों की ज़रूरतें और चुनौतियां बदलेंगी, इसलिए उन्होंने संविधान को महज कानून की एक किताब बनाकर नहीं छोड़ा बल्कि, इसे एक जीवंत निरंतर प्रवाहमान धारा बनाया। उन्होंने कहा, ‘‘हमारा संविधान, हमारे वर्तमान और हमारे भविष्य का मार्गदर्शक है। बीते 75 वर्षों में देश के सामने जो भी चुनौतियां आई हैं, हमारे संविधान ने हर उस चुनौती का समाधान करने के लिए उचित मार्ग दिखाया है।’’

