अग्निवारों को नौकरी में आरक्षण प्रदान करने को लेकर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पंचकुला में समीक्षा बैठक की। इस बैठक में सीएम सैनी ने कहा कि हरियाणा देश का ऐसा पहला राज्य है, जिसने अग्निवीरों को सेना की सेवा अवधि के बाद नौकरी देने का प्रावधान कर उनका भविष्य सुरक्षित किया है। साथ ही उन्हें सुरक्षा कवच प्रदान किया है।
फोरेस्ट गार्ड और जेल वार्डर की दी जाएगी नौकरी
सीएम सैनी ने कहा कि अब राज्य पुलिस की भर्ती में अग्निवीरों को 20 प्रतिशत आरक्षण प्रदान किया जाएगा। इसी तरह से वन विभाग में फोरेस्ट गार्ड, जेल वार्डर और खनन गार्ड की नौकरी में भी अग्निवीरों को 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया है।
अलग से बनाया जाएगा पोर्टल
सीएम ने कहा कि अग्निवीर के जवान सेना की सेवा अवधि के बाद हरियाणा में नौकरी पा सकेंगे। इसको लेकर उनके लिए अलग से पोर्टल बनाया जाएगा, जिस पर वे अपना रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। इसके बाद उन्हें शैक्षणिक योग्यता के आधार पर नौकरियों में वरीयता दी जाएगी।
जुलाई 2026 में पूरा होना है पहला बैच
सीएम सैनी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा कि अग्निवीरों का पहला बैच जुलाई 2026 में पूरा होना है। इससे पहले ही ‘हरियाणा अग्निवीर नीति 2024’ क्रियान्वित कर अग्निवीरों को सुरक्षा कवच प्रदान कर दिया है।
क्या हैं अग्निवीर जवान?
अग्निवीर के जवान भारत सरकार द्वारा शुरू की गई ‘अग्निपथ योजना’ के तहत भर्ती किए गए सैनिक हैं। यह योजना 14 जून, 2022 को लॉन्च की गई थी। इसका उद्देश्य भारतीय सशस्त्र बलों (थल सेना, नौसेना, और वायु सेना) में युवाओं को चार साल के लिए शामिल करना है। इस योजना के तहत 17.5 से 21 साल की उम्र के युवाओं को ‘अग्निवीर’ के रूप में भर्ती किया जाता है। चार साल की सेवा के बाद इनमें से लगभग 25 प्रतिशत अग्निवीरों को स्थायी सैनिक के रूप में रखा जा सकता है, जबकि बाकी को सेवा से मुक्त कर दिया जाता है।