रांची। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के विधायक दल के नेता चंपई सोरेन आज यानि शुक्रवार को झारखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने चंपई सोरेन को राजभवन में मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई। उनके साथ कांग्रेस कोटे से आलमगीर आलम और आरजेडी कोटे से सत्यानंद भोक्ता कैबिनेट मंत्री की शपथ लेंगे।
इससे पहले राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन ने उन्हें मुख्यमंत्री नियुक्त किया था। चंपई सोरेन को राज्यपाल ने बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री नियुक्त किया था।
उससे पहले चंपई सोरेन ने राज्यपाल से जल्द से जल्द सरकार बनाने के उनके दावे को स्वीकार करने का आग्रह किया था, क्योंकि राज्य में ‘भ्रम’ की स्थिति बनी हुई थी और प्रदेश में कोई मुख्यमंत्री नहीं था। यह स्थिति बुधवार को हेमंत सोरेन के इस्तीफे के बाद से राज्य में मुख्यमंत्री न होने की वजह से थी और इसके कारण राजनीतिक संकट गहरा गया था।
प्रदेश कांग्रेस प्रमुख राजेश ठाकुर ने कहा कि चंपई सोरेन को अपनी सरकार का बहुमत साबित करने के लिए 10 दिन का समय दिया गया है। कांग्रेस राज्य में झामुमो-नीत गठबंधन की सहयोगी पार्टी है। इससे पहले चंपई सोरेन ने कहा था, ‘‘हम एकजुट हैं। हमारा गठबंधन मजबूत है, इसे कोई तोड़ नहीं सकता।’’
आदिवासी नेता चंपई सोरेन (67) राज्य के 12वें मुख्यमंत्री होंगे। वह झारखंड के कोल्हान क्षेत्र से छठे मुख्यमंत्री होंगे। कोल्हान क्षेत्र में पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम और सरायकेला-खरसावां जिले हैं। झामुमो सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आलमगीर आलम और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सत्यानंद भोक्ता भी कैबिनेट मंत्री पद की शपथ लेंगे। झामुमो नीत गठबंधन में राजद भी शामिल है।
झारखंड की 81 सदस्यीय विधानसभा में गठबंधन के पास 47 विधायक हैं। इनमें झामुमो के 29, कांग्रेस के 17 और राजद के 1 सदस्य शामिल हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 26 और आजसू पार्टी के तीन विधायक हैं। इसके अलावा दो सदस्य निर्दलीय हैं और राकांपा तथा भाकपा (माले) के एक-एक विधायक हैं। सूत्रों ने बताया कि झामुमो नीत गठबंधन के विधायकों को भाजपा की ओर से खरीद-फरोख्त के किसी संभावित प्रयास से बचाने के लिए हैदराबाद ले जाया जा सकता है। हैदराबाद तेलंगाना की राजधानी है जहां कांग्रेस पार्टी का शासन है।