पंजाब डेस्क : मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज माझा व दोआबा के सभी जिलों के डिप्टी कमिश्नरों से अहम मीटिंग की। इस दौरान सी.ए. मान ने डिटेल में जानकारी ली और निर्देश जारी कर दिए। सी.एम. मान की सभी डीसी के साथ 2-ढाई घंटे तक मीटिंग चली जिसके बाद उन्होंने प्रेस वार्ता कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि रुके हुए विकास कार्यों की जानकारी ले ली है और जल्द ही इन्हें शुरू कर दिया जाएगा। जालंधर में भी अब सी.एम. मान का दफ्तर होगा। सप्ताह के 2 यहां पर आएंगे, बाकी के 5 में कोई न कोई अफसर यहां पर रहेगा। अब लोगों को अपनी समस्याओं के लिए चंडीगढ़ में नहीं आना पड़ेगा। सी.एम. मान ने विभिन्न जिलों के डीसी को विकास कार्यों में तेजी लाने का आदेश दिया ताकि लोगों को विकास परियोजनाओं का लाभ समय पर मिल सके।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने जालंधर और अमृतसर को स्मार्ट सिटी बनाने से संबंधित परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की और अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि इन परियोजनाओं की प्रगति में कोई बाधा न आए। उन्होंने माझा और दोआबा के अन्य शहरों के विकास कार्यों की भी जानकारी ली। सी.एम मान ने कहा कि विकास कार्यों में धन की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। प्रशासनिक अधिकारियों को सख्त आदेश दिए कि दफ्तर में आने वाले हर व्यक्ति की बात सुनी जाए और जब तक दफ्तर में आने वाले हर व्यक्ति की बात न सुनी जाए, तब तक दफ्तर से बाहर न जाएं। राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता आम लोगों के रोजमर्रा के कार्यालयीन कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर निपटाना है, ताकि लोगों को किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े।
लोगों के दैनिक कार्यालय कार्यों के तत्काल समाधान के लिए एक और पहल का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर एक सीएम विंडो स्थापित की जा रही है, जहां प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा संबंधित निर्वाचन क्षेत्रों के विधायक लोगों के मुद्दों को हल करने में योगदान देंगे। उन्होंने कहा कि जिला स्तरीय समस्याओं का मौके पर ही समाधान किया जाएगा जबकि शेष समस्याओं को संबंधित विभागों को भेजा जाएगा। आज की बैठक में जालंधर, कपूरथला, तरनतारन, अमृतसर, होशियारपुर, गुरदासपुर, शहीद भगत सिंह नगर, पठानकोट जिलों के नागरिक और प्रशासनिक अधिकारियों ने भाग लिया।
सी.एम. मान ने कहा कि हम चुनाव आचार संहिता के कारण रुके हुए विकास कार्यों को फिर से शुरू कर रहे हैं। स्मार्ट सिटी जालंधर के साथ-साथ अन्य शहरों के भी कई काम रुके हुए हैं, जिनके बारे में जानकारी ली गई है और निर्देश भी जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार गांव, कस्बे और शहर से चलेगी। हम इस वादे को पूरा भी कर रहे हैं क्योंकि अधिकारी और कर्मचारी गांव-गांव और कस्बों में जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आजर डिप्टी कमिश्नरों ने हमें लोगों की समस्याओं के बारे में बताया और चर्चा की। सी.एम. मान ने आगे कहा कि डीसी दफ्तर में सी.एम. विंडो भी बनाई जाएगी, जहां कार्यालय से जुड़े अधिकारी भी बैठेंगे और विधायक भी बैठेंगे ताकि लोगों का काम हो सके।
सी.एम. मान ने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन में पंजाब का योगदान छिपा नहीं है और पंजाब पूरे देश का अन्नदाता है। इसलिए पंजाब को विशेष दर्जा मिलना चाहिए, लेकिन केंद्र सरकार पंजाब को मिलने वाले अधिकार नहीं देती। इसलिए हम 27 तारीख को होने वाली नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार कर रहे हैं क्योंकि हमें उनकी मंशा पता चल गई है। उन्होंने कहा कि ‘भारत’ गठबंधन के मुख्यमंत्री इस बैठक में नहीं जाएंगे। सी.एम. ने केंद्र सरकार पर जुबानी हमला किया। उन्होंने कहा कि हमारा 6 हजार करोड़ का आरडीएफ का पैसा रोक दिया गया है, हमें जीएसटी में हिस्सा नहीं दिया जा रहा है, लेकिन जब कटौती करने की जरूरत होगी तो पंजाब का पैसा काटेंगे, तो इस मीटिंग में हम जाकर क्या करेंगे। केंद्रीय बजट में पंजाब का नाम तक नहीं लिया गया। हमारे किसानों का कोई जिक्र नहीं है। 80 करोड़ लोगो को राशन देने वाला पंजाब है। उन्होंने कहा कि सारी घोषणाएं सिर्फ 2 राज्यों के लिए की गई हैं। क्या पीएम मोदी 2 राज्यों से देश चलाएंगे। पी.एम मोदी ने अपना भविष्य बचाने के लिए देश के करोड़ों लड़के-लड़कियों का भविष्य दांव पर लगा दिया है। सी.एम. मान ने कहा कि मोदी सरकार सिर्फ बीजेपी का बजट बनाती है, देश का बजट नहीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम पंजाब में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।