नई दिल्ली 4 मार्च :- भारत में किसानों के साथ भेदभाव का मुद्दा देश-विदेश में तूल पकड़ रहा है, लेकिन मौजूदा केंद्र सरकार किसानों की मांग को लेकर गंभीर नहीं दिख रही है. शिरोमणि अकाली दल की दिल्ली इकाई की महिला विंग की मुख्य सेवादार बीबी रणजीत कौर ने मीडिया को जारी एक प्रेस नोट के माध्यम से कहा की पंजाब, हरियाणा, बॉर्डर शंभू पर दिल्ली में आने के लिए 12 फरवरी से किसान भाई-बहन और बुजुर्ग बैठे हैं, लेकिन हरियाणा सरकार ने उन पर विश्व में प्रतिबंधित पेलेट गन के छर्रे, केमिकल गैस और आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल शांतिपूर्ण विरोध कर रहे किसान पर किया. जिसके कारण बड़ी संख्या में निहत्थे किसान घायल हो गए और एक किसान शुभकरण सिंह की मृत्यु हो गई. जिसकी हर तरफ से निंदा की गई और पंजाब सरकार द्वारा इस मौत के लिए दोषियों को सजा देने की घोषणा के बाद भी अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करना बेहद दर्दनाक है क्योंकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में साफ तौर पर कहा गया है कि शुभकरण सिंह की मौत पैलेट गन की गोली लगने की वजह से हुई है. जो हरियाणा पुलिस द्वारा चलाई गई थी. पंजाब सरकार को स्पष्ट रूप से उन्हें नामांकित करना चाहिए ताकि शुभकरण की मौत पर उनके परिवार को न्याय मिल सके. केंद्र सरकार का प्राथमिक कर्तव्य किसानों की मांगों को तुरंत स्वीकार करना और दुनिया को आश्वस्त करना है कि वे इस देश के नागरिक हैं और देश में लोकतंत्र बहाल है.
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