दिल्ली/02जुलाई: बठिंडा की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने आज केंद्र सरकार से किसानों की सभी शिकायतों को आपसी बातचीत के माध्यम से हल करने और वादे के अनुसार एम.एस.पी कमेटी में प्रतिनिधित्व देने की अपील की है। इसके अलावा उन्होने पाकिस्तान और मध्य एशिया के साथ व्यापार के लिए वाघा और हुसैनीवला सीमाओं को खोलने और पंजाब विशेष तौर पर इसके बाॅर्डर क्षेत्रों के लिए एक औद्योगिक पैकेज की स्थापना की मांग की है।
संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बोलते हुए बठिंडा सांसद ने चंडीगढ़ को तुरंत पंजाब को सौंपने की जोरदार अपील करते हुए कहा कि पंजाब ही एकमात्र ऐसा राज्य है जिसका अपनी राजधानी पर नियंत्रण नही है। उन्होने केंद्र शासित प्रदेश में पंजाब और हरियाणा के अधिकारियों की नियुक्ति में 60ः40 के अनुपात की अनदेखी करके , केंद्र शासित प्रदेश में केंद्रीय नियमों को लागू करके और आधिकारिक कामकाज में पजाबियों के साथ भेदभाव करके चंडीगढ़ पर पंजाब के अधिकार को कम करने के प्रयासों की आलोचना की है।
बादल ने अपने भाषण में कहा कि शिरोमणी अकाली दल ने यह सुनिश्चित करने के लिए लड़ाई लड़ी है कि पंजाब से नदी का पानी न छीना जाए और इस मामले में राज्य के साथ अन्याय नही किया जाना चाहिए। उन्होने केंद्र सरकार को 2019 में श्री गुरु नानक देव जी की 550वीं जंयती समारोह के दौरान सभी बंदी सिंहों को रिहा करने की अपनी प्रतिबद्धता की भी याद दिलाई। उन्होने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार ने इस मुददे पर अदालत में यह रूख लिया कि सिंह बंदी समाज के लिए खतरा हैं और बाद में बंदियों से उनके उनके कृत्यों के लिए माफी मांगने की मांग की। उन्होने यह भी बताया कि कैसे हाल ही में राजस्थान के एक परीक्षा केंद्र में सिख महिलाओं के साथ उनके देश में ही भेदभाव किया जा रहा है और उनकी आस्था से जुड़ी चीजों (ककार) हटाने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
किसानों की शिकायतों के समाधान की आवश्यकता के बारे में बोलते हुए बादल ने कहा कि जब किसानोें को दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलन उठाने पर गारंटी दी गई थी, उन सभी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाना चाहिए और एम.एस.पी को कानूनी इकाई बनाने के लिए एक कमेटी बनाई जानी चाहिए। उन्होने कहा,‘‘ यह अभी तक नही किया गया और इसके बजाय कुछ महीने पहले केंद्र को उनसे किए गए वादों के बारे में याद दिलाने के लिए दिल्ली जाने की कोशिश की तो हरियाणा पुलिस द्वारा किसानों पर आंसू गैसे के गोले दागे गए और उनमें से एक शहीद हो गया।’’
बठिंडा सांसद ने पंजाब को एक विशेष औद्योगिक पैकेज देने की मांग की। उन्होने कहा,‘‘ जब पहाड़ी राज्यों को औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए रियायतें दी गई तो पंजाब को बहुत नुकसान हुआ है। इससे पंजाब के उद्योग का एक हिस्सा पहाड़ी राज्यों में चला गया,जिसके परिणामस्वरूप बेरोजगारी बढ़ी है। उन्होने पाकिस्तान और मध्य एशियाई देशों के साथ व्यापार के लिए वाघा और हुसैनीवाला सीमा खोलने की भी मांग की। उन्होने कहा,‘‘ बाॅर्डर इलाकों की अर्थव्यवस्था को फिर से ठीक करने के लिए यह बहुत जरूरी है।’’ उन्होने सीमा पार से पंजाब को ड्रग्ज पहुंचाने के इस्तेमाल के बारे में बात करते हुए इस समस्या को नियंत्रित करने की जरूरत पर भी बात की।
बठिंडा सांसद ने केंद्र सरकार से सिख मामलों में हस्तक्षेप बंद करने का आग्रह किया। उन्होने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार ने श्री दरबार साहिब पर टैंकों और मोर्टार से हमला किया, जबकि मौजूदा सरकार ने अपने पिछले कार्यकाल में नांदेड़ स्थित श्री हजूर साहिब गुरुद्धारे और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी समेत सिख धार्मिक स्थलों पर नियंत्रण कर लिया है और शिरोमणी कमेटी को तोड़कर हरियाणा के लिए अलग गुरुद्वारा कमेटी का गठन किया है।
बादल ने नए आपराधिक कानूनों में पुलिस को दी जाने वाली शक्ति को कम करने का आहवाहन करते हुए कहा कि अगर इस पर अंकुश नही लगाया गया तो इससे इमरजेंसी जैसी नई स्थिति पैदा हो सकती है। उन्होने यह भी बताया कि खडूर साहिब के सांसद अमृतपाल सिंह को पद की शपथ लेने की अनुमति नही दी गई।