चेन्नई। मद्रास उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के उस आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है, जिसके आधार पर यहां एक निजी मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाली मेडिकल छात्रा को दी जाने वाली ट्यूशन फीस की राशि को ‘फ्रीज’ कर दिया गया था।
एनआईए ने दावा किया था कि ट्यूशन फीस झारखंड में सक्रिय एक माओवादी संगठन द्वारा दी गई थी। न्यायमूर्ति एस. एम. सुब्रमण्यम और न्यायमूर्ति एम. ज्योतिरामन की खंडपीठ ने एनआईए के आदेश को चुनौती देने वाली छात्रा की याचिका को खारिज कर दिया। सोमवार को जब मामला सुनवाई के लिए आया तो मेडिकल छात्रा की ओर से दलील दी गई कि कॉलेज प्रशासन याचिकाकर्ता को प्रमाण पत्र जारी करने से इनकार कर रहा है, क्योंकि ट्यूशन फीस पर रोक लगा दी गई है और एनआईए ने उसे इस मामले में पेश होने के लिए बुलाया है।