इंटरनेशनल डेस्कः कई दशकों से छात्रों के लिए पसंदीदा स्थान रहे देश कनाडा में हालात बेहद खराब चल रहे हैं । भारत से भी बड़ी संख्या में लोग पढ़ाई और रोजगार के लिए कनाडा जाते हैं। कनाडा में काम करने और पढ़ने वालों में एक बड़ी संख्या विदेशियों की है। करीब 4 करोड़ की आबादी वाले कनाडा में फिलहाल 9 लाख से ज्यादा विदेशी छात्र हैं और इनमें छात्रों में भारत की हिस्सेदारी करीब 37 फीसदी है।
कनाडा में विदेशियों के आने से घरों की डिमांड बढ़ी है और कीमतों में काफी इजाफा हुआ है। दूसरी ओर रोजगार के मौके बीते कुछ समय में तेजी से घट गए हैं। इसने विदेशियों का कनाडा में गुजारा मुश्किल कर दिया है। इससे कई भारतीय वापस अपने देश को लौटने पर भी विचार करने लगे हैं। कनाडा में रहने का बढ़ता खर्च आप्रवासियों को बुरी तरह से प्रभावित कर रहा है। हाल ही में कनाडा में काम करने वाले एक भारतीय टेक एक्सपर्ट ने बताया कि वह भारत में अपने घर लौट रहा है क्योंकि कनाडा में रहना बहुत महंगा हो गया है। उसने कहा कि घर के खर्च की वजह से वह कनाडा में रह नहीं पा रहा है। एक बिस्तर वाले अपार्टमेंट के किराए में ही हर महीने सैलरी का आधा हिस्सा खर्च हो जाता है।
रिपोर्ट के मुताबिक कनाडा में सालाना प्रवास करने वाले भारतीयों की संख्या में 2013 से 2023 तक 326 प्रतिशत (32,828 से 139,715) की बढ़ोतरी हुई है लेकिन अब वहां आवास का संकट गहरा रहा है। इसी हफ्ते आए एंगस रीड इंस्टीट्यूट के एक सर्वे में बताया गया है कि आप्रवासी खासतौर से भारतीय मुद्रास्फीति और आवास के मुद्दों से बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। इस साल की कनाडा जाने वाले भारतीय छात्रों की संख्या भी इस संकट को उजागर करती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक 2023 में 3,19,000 भारतीय छात्र कनाडा गए थे लेकिन इस साल यानी 2024 में इस संख्या में गिरावट आई है। इस साल बीते साल की तुलना में करीब 35 फीसदी कम छात्र कनाडा जा रहे हैं।