जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सोमवार को जीएमसी और नारायणा अस्पताल में घायल यात्रियों से मुलाकात की और कहा कि यह आतंकवादी हमला जम्मू क्षेत्र में अशांति फैलाने की नापाक साजिश का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रयासों को विफल किया जाएगा।
पुलिस महानिदेशक ने सेना सहित वरिष्ठ अधिकारियों के साथ घटना के बारे में प्रत्यक्ष जानकारी प्राप्त करने के लिए घटनास्थल का दौरा करेंगे। अधिकारियों ने बताया कि सेना, पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) समेत सुरक्षा बलों ने राजौरी जिले की सीमा से लगे तेरयाथ-पोनी-शिव खोड़ी इलाके में घेराबंदी कर दी है।
उन्होंने बताया कि ड्रोन और खोजी कुत्तों समेत निगरानी उपकरणों से लैस सुरक्षा बलों ने जिले और आसपास के इलाकों में व्यापक खोजबीन अभियान शुरू किया है। सूत्रों ने बताया कि हमले में शामिल आतंकवादियों के राजौरी और रियासी के ऊपरी इलाकों में छिपे होने की आशंका है।
उन्होंने बताया कि इस इलाके में घने जंगल और गहरी खाइयां हैं। रियासी की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मोहिता शर्मा ने बताया, ”इलाके में खोज अभियान शुरू कर दिया गया है। उन्हें (आतंकवादियों को) पकड़ने के प्रयास जारी हैं। जानकारी के अनुसार, हमले में दो आतंकवादी शामिल थे।” उन्होंने बताया कि क्षेत्र में ग्राम रक्षा समितियों को भी तैयार कर लिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि हमले में 40 से अधिक लोग घायल हुए हैं, जिनमें से 10 लोगों को गोली लगी है।
उन्होंने बताया कि फोरेंसिक टीम सुबह मौके पर पहुंची और पूरे इलाके की जांच की। अधिकारियों ने बताया कि हमले से जुड़ी विभिन्न सामग्री एकत्र की, जिसमें कुछ गोलियां भी शामिल हैं। अधिकारियों ने बताया कि एनआईए की एक टीम भी मौके पर पहुंची और हमले की जांच कर रही स्थानीय पुलिस के साथ सहयोग किया। वहीं एसआईए की टीम ने घटना के बारे में प्रत्यक्ष जानकारी जुटाई है।
इस बीच, कटरा, डोडा शहर और कठुआ जिले सहित पूरे जम्मू क्षेत्र में पाकिस्तान विरोधी प्रदर्शन हुए। प्रदर्शन में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा इंतजाम बढ़ाने की मांग की गई। प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान पर जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को प्रायोजित करने का आरोप लगाते हुए पड़ोसी देश के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।