नई दिल्ली : ( न्यूज़ वार्ता ) श्री ईश्वर कुमार शर्मा के रूप में, विश्व ने एक प्रमुख शख्सियत खो दी है। तथा भारत ने अपना एक महानतम व्यक्ति। शर्मा जी का जन्म आज से 91 वर्ष पूर्व 28 दिसंबर 1933 मवई ज़िला, बुलन्दशहर उत्तर प्रदेश हुआ था । यह दुनिया का सबसे बड़ा सत्य है कि जीवन अस्थाई है। मृत्यु एक सच्चाई है जिसका सामना सबको करना है। इस जग में व्यक्ति को उसके कर्मों के कारण ही याद किया जाता है। इसलिए मनुष्य को स्वार्थ से उठकर जन-कल्याण की भावना के साथ अच्छे कर्म करते रहने चाहिए। आज शर्मा जी शारीरिक रूप से हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके आदर्श और व्यक्तित्व की स्मृतियां और उनके सादगी पूर्ण और उच्च कोटि के विचार हमारे बीच जीवित रहेंगे और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देते रहेंगे।
न्यूज़ वार्ता संवादाता से बातचीत के दौरान चचेरे भाई श्री राजीव लोचन शर्मा ने कहा श्रेष्ठ व्यक्तित्व, साहस तथा असाधारण प्रतिभा के धनि थे भाई साहब अपनी नौकरी में उन्हें ईमानदारी का खामियाजा भुगतना पड़ता था उनका ट्रांसफर बहुत जल्द हो जाया करता था फिर भी इन्हों ने ईमानदारी ,नैतिक मूल्यों का दमन नहीं छोड़ा ।
श्री ईश्वर कुमार शर्मा जी की बहन श्रीमती मिथिलेश शर्मा ने कहा भाई साहब मैकेनिकल इंजीनियर थे और डी जी इस एंड डी में कार्यरत ईमानदारी और कर्त्तव्यपरायणता कि मिशाल थे।अनुकरणीय जीवन और सेवाओं को श्रद्धांजलि देने के लिए हम आज यहाँ एकत्र हुए हैं। इनका सम्पूर्ण जीवन ईमानदारी और सत्य निष्ठा की अलौकिक मिशाल है ।
जूडिशियल कॉउन्सिल के चेयरमैन श्री राजीव अग्निहोत्री नें कहा आज भारत को ऐसे बहुत से व्यक्तियों की आवश्यकता है जो देश को सुधारने के लिए अपना जीवन समर्पित करने के इच्छुक हों। मैं, देश वासियों से आग्रह करता हूं कि वे भारत के इस महान सपूत के पदचिह्नों का अनुकरण करें भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ें और ईमानदारी की मिशाल बने , कलयुग में सतयुगी अवतार थे शर्मा जी ।
ज्येष्ठ पुत्री डॉक्टर ज्योत्स्ना शर्मा नें कहा पिता जी के जीवन से यह आदर्श प्रस्तुत होता है कि एक महान आत्मा सदा विनम्र होती है। ऐसी शक्तिशाली आत्मा ही अन्य लोगों को आंतरिक रूप से सशक्त बना सकती है। और ईमानदारी से जीवन जीने का मार्ग दिखा सकती है । चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी विश्वास और साहस के साथ अपने जीवन को जिया जा सकता है।
सभा में शामिल होने वालों में भारतीय वायु सेना के वरिष्ठ अधिकारियों सहित भारी संख्या में नाते रिश्तेदार मौजूद रहे , श्री त्रिलोकचंद शर्मा ,अर्चना शर्मा , ब्रिज मोहन भारद्वाज , मिट्ठू भारद्वाज, राधे मोहन भारद्वाज , अनुपमा भारद्वाज, अनुपमा शर्मा, किरण शर्मा, आशीष शर्मा, किरण गौतम, पिंकी,प्राची,राजू भारद्वाज, शिखा भारद्वाज , आशू भारद्वाज श्याम लता शर्मा , नीलेश शर्मा , चेतन शर्मा उषा शर्मा ,विनीत शर्मा , विवेक शर्मा , अंजू अग्निहोत्री , वत्सला अग्निहोत्री , कपिल कौशिक , कल्पना शर्मा , संजीव कुमार शर्मा, अशोक दीक्षित आदि लोगों ने अपनी श्रद्धांजलि दी कार्यक्रम के अंत में सुपुत्र एयर वाइस मार्शल अलोक शर्मा वी.एम ,वी. एस. एम. (सेवा निवृत्त) कि रस्म पगड़ी हुई ।