संजय अरोड़ा :चंडीगढ़ शहर को वित्तीय संकट के दंश से उभारने में अहम भूमिका निभाने वाले चंडीगढ़ नगर निगम के आयुक्त अमित कुमार एक बार फिर से अधिकारियों एवं आमजन के बीच चर्चा का केंद्र बने हुए हैं । निगम आयुक्त अमित कुमार की कार्यशैली की छाप इस बार सदन में भी देखने को मिली। उन्होंने अपने कार्य कौशल से जहां निगम की वित्तीय स्थिति को काफी मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई वहीं आम जन को भी ध्यान में रखते हुए उनके अनुकूल टैक्स एवं बकाया राशि जमा करवाने में राहत प्रदान की। उनके इस साहसी कदम से सुशासन की एक अद्भुत मिशाल देखने को मिली। उन्होंने नगर निगम चंडीगढ़ (एमसीसी) वर्ष 2024-25 और आगामी बजट 2026-27 को लेकर स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण, राजस्व बढ़ोतरी और खर्च में कटौती के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की । गौरतलब है कि
निगम ने, न केवल राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई है, बल्कि वित्तीय मजबूती की दिशा में भी ठोस कदम उठाए हैं। राष्ट्रीय स्तर पर पहचान नगर निगम चंडीगढ़ को वर्ष 2024-25 के लिए आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय (MoHUA) द्वारा “सुपर स्वच्छ लीग” में देशभर में दूसरा स्थान प्राप्त हुआ है। इसके अलावा, ग्रीन रैंकिंग 2025 में चंडीगढ़ ने 89.09 अंक हासिल कर देश में शीर्ष स्थान प्राप्त किया । यह निगम आयुक्त की दूरदर्शी विकास के प्रयासों को दर्शाता है। शहर एवं आमजन के लिए इतना कुछ करने के बावजूद चंडीगढ़ नगर निगम आयुक्त अमित कुमार इसका श्रेय खुद नहीं लेते , बल्कि इसका श्रेय उन्होंने प्रत्येक अधिकारी एवं प्रत्येक निगम कर्मी को दिया, जिन्होंने उनके प्रत्येक आदेश को मानकर शहर के विकास को उच्च स्तर पर ले जाने के सपने को सफल करने में अपना भरपूर योगदान दिया। दूसरे शब्दों में कहे तो यह नगर निगम आयुक्त अमित कुमार की सहजता एवं पूर्ण कार्य कौशल योग्यता का परिणाम है जो चंडीगढ़ शहर का स्तर दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है।
उन्होंने नगर निगम की वित्तीय स्थिति को मजबूत करने के लिए संपत्ति कर ढांचे को संशोधन किया ।वाणिज्यिक कर को 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 5 प्रतिशत किया है। इसके अलावा आवासीय संपत्ति कर की दरों में भी संशोधन (लगभग दोगुनी) किया । इन छोटे छोटे
बदलावों से अनुमानतः वाणिज्यिक कर से 10 करोड़ रुपये और आवासीय कर से 15 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय होने की संभावना हुई। निगम आयुक्त ने कहा कि खाली भूमि और संपत्तियों का बेहतर उपयोग नगर निगम के अनुसार, तीन बार नीलामी के बाद भी जो संपत्तियां खाली रहेंगी, उन्हें 25 प्रतिशत कम दरों पर किराए पर दिया जाएगा। इससे निगम की निष्क्रिय संपत्तियों से भी आय सुनिश्चित होगी। नगर निगम ने राजस्व बढ़ाने के साथ-साथ खर्च को नियंत्रित करने पर भी जोर दिया है। लंबित जल बिल, वाणिज्यिक एवं आवासीय संपत्ति कर की वसूली को प्राथमिकता दी जा रही है। इनके साथ साथ
स्ट्रीट और पब्लिक लाइटिंग का रखरखाव विभागीय स्तर पर करके बिजली खर्च में भी बचत की गई । नगर निगम ने पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) परियोजनाओं के माध्यम से राजस्व सृजन को बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताई है। इससे न केवल आय बढ़ेगी बल्कि शहरी सुविधाओं में भी सुधार होगा। आयुक्त अमित कुमार ने कहा कि नगर निगम चंडीगढ़ ने स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण, राजस्व वृद्धि और खर्च नियंत्रण के क्षेत्र में संतुलित और दूरदर्शी नीति अपनाई है। राष्ट्रीय स्तर पर मिली उपलब्धियां और प्रस्तावित बजट सुधार आने वाले वर्षों में चंडीगढ़ को एक आदर्श और आत्मनिर्भर शहरी निकाय के रूप में स्थापित करने की दिशा में अहम साबित हो सकते हैं।

