दसवीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं से पूर्व छात्रों के मानसिक तनाव को कम करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को अभिभावकों को सलाह दी कि वे अपने बच्चे के रिपोर्ट कार्ड को अपना विजिटिंग कार्ड न मानें। साथ ही उन्होंने सुझाव दिया कि छात्रों को खुद से प्रतिस्पर्धा करनी चाहिए, दूसरों से नहीं।
राष्ट्रीय राजधानी स्थित प्रगति मैदान के नवनिर्मित भारत मंडपम के टाउन हॉल में प्रधानमंत्री ने ‘परीक्षा पे चर्चा’ के सातवें संस्करण में कहा कि प्रतिस्पर्धा और चुनौतियां जीवन में प्रेरणा का काम करती हैं लेकिन प्रतिस्पर्धा स्वस्थ होनी चाहिए। उन्होंने अभिभावकों एवं शिक्षकों को सुझाव देते हुए कहा, ‘‘आपको एक बच्चे की तुलना दूसरे से नहीं करनी चाहिए क्योंकि यह उनके भविष्य के लिए हानिकारक हो सकता है। कुछ माता-पिता अपने बच्चों के रिपोर्ट कार्ड को अपना विजिटिंग कार्ड समझते हैं, यह अच्छा नहीं है।’’
प्रधानमंत्री ने बताया कि छात्रों पर तनाव तीन प्रकार का होता है। उन्होंने कहा कि यह कभी साथियों के दबाव से प्रेरित होता है तो कभी माता-पिता द्वारा और कभी स्वयं से भी प्रेरित होता है। उन्होंने कहा कि माता-पिता, शिक्षकों या रिश्तेदारों की ‘रनिंग कमेंट्री’ और हर बार नकारात्मक तुलना एक छात्र की मानसिक भलाई के लिए हानिकारक है।