Arvind Kejriwal: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तिहाड़ जेल से रिहाई के बाद, आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं और समर्थकों की पटाखें फोड़ना भारी पड़ गया। इस मामले में दिल्ली पुलिस संझान लेते हुए कई अज्ञात लोगों पर एफआईआर दर्ज कर ली है। दरअसल अरविंद केजरीवाल को लेकर शुक्रवार सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया तो AAP पार्टी ने अपने नेता के बाहर आने की खुशी में सिविल लाइन स्थित उनके आवास के बाहर जमकर आतिशबाजी की। आप पार्टी के कार्यकर्ता जोश में यह बात भूल गए कि दिल्ली में पटाखे चलाना बैन है। बता दें कि दिल्ली सरकार ने सर्दियों के दौरान चरम पर रहने वाले वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए शहर में पटाखों के उत्पादन, बिक्री और उपयोग पर 1 जनवरी 2025 तक प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है।
दिल्ली सरकार में पर्यावरण मंत्री गोपाल रॉय से दिल्ली बीजेपी ने आतिशबाजी को लेकर सवाल भी पूछे थे कि दीवाली पर राजधानी में पटाखे फोड़ने पर बैन हटाया जाए। 4 दिन पहले दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने राजधानी में पटाखे फोड़ने पर बैन लगा दिया था।
बता दें कि दिल्ली आबकारी नीति सीबीआई के मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शुक्रवार (13 सितंबर) को जमानत मिली थी। सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद वो तिहाड़ जेल से बाहर निकले थे। उनकी रिहाई को लेकर आम आदमी पार्टी में जबरदस्त जश्न का माहौल दिखा. इस दौरान AAP के कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने जमकर पटाखे फोड़े थे, जिसके बाद बीजेपी ने इसे मुद्दा बनाते हुए केजरीवाल सरकार और उनकी पार्टी को घेरा था।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जेल से रिहाई के बाद आतिशबाजी को लेकर दिल्ली बीजेपी मीडिया प्रमुख प्रवीण शंकर कपूर ने कहा था, “तीन दिन पहले मंत्री गोपाल राय ने पटाखे फोड़ने पर बैन लगाया था।”
प्रवीण शंकर ने X पर लिखा, “दिवाली पटाखों को दिल्ली के प्रदूषण का दोषी बता कर प्रतिबंध लगाने वाले गोपाल राय बताएं. यह अरविंद केजरीवाल के चेले चपाटे पटाखे कहां से लाकर आतिशबाजी कर रहे हैं? क्या आम आदमी पार्टी के पटाखों से प्रदूषण नहीं होता।