नैनो प्रौद्योगिकी के प्रयोग से सूक्ष्म कणों को तैयार किया गया है, जिनसे तैयार पौधे पर्यावरण प्रदूषण को नष्ट करेंगे। लखनऊ विश्वविद्यालय के वनस्पति विज्ञान विभाग की प्रोफेसर डॉ. अलका कुमारी ने देश के चुनिंदा वैज्ञानिकों के साथ मिलकर नैनो प्रौद्योगिकी संवर्धित पौध आधारित प्रदूषण नियंत्रण पर कार्य किया है। जिसे अंतरराष्ट्रीय पत्रिका में प्रकाशित किया गया है।
इस शोध का केंद्र फाइटोरिमेडिएशन है जो प्राकृतिक प्रक्रिया है। जिसमें पौधे प्रदूषित मिट्टी और जल को शुद्ध करने में मदद करते हैं। हालांकि अत्यधिक प्रदूषित क्षेत्रों में पौधों की वृद्धि और कार्यक्षमता अक्सर सीमित हो जाती है। इस चुनौती से निपटने के लिए शोध में नैनोमटेरियल्स के उपयोग को नए समाधान के रूप में प्रस्तुत किया गया है। नैनोमटेरियल्स अतिसूक्ष्म कण होते हैं, जो पौधों की क्षमता को बढ़ाते हैं ताकि वे हानिकारक रासायनिक पदार्थों को अधिक कुशलता से अवशोषित, विघटित या निष्क्रिय कर सकें।

