उच्चतम न्यायालय ने एक आतंकवादी कृत्य से कथित रूप से जुड़े तिहरे हत्याकांड के दोषी गुलाम मोहम्मद भट की समय पूर्व रिहाई का आदेश देने से सोमवार को इनकार कर दिया। हालांकि, न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी की पीठ ने भट को एक अन्य लंबित मामले में आवेदन दायर करके केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर की सजा छूट नीति को चुनौती देने की अनुमति दे दी। पीठ ने भट की समय पूर्व रिहाई की याचिका पर इस आधार पर सुनवाई की कि उसने 27 साल जेल में बिताए हैं। भट की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कॉलिन गोंजाल्विस पेश हुए, जबकि अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के एम नटराज ने केंद्र शासित प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया। भट कथित तौर पर एक सेना के मुखबिर के घर में घुस गया था और एके-47 राइफल से गोली चला दी थी, जिसमें तीन लोग मारे गए थे।
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