भारत में पाकिस्तानियों को हिंदू बताकर शरण दिलवाने वाले शख्स को गिरफ्तार कर लिया गया है। गिरफ्तार हुए शख्स का नाम परवेज अहमद है जो पिछले कई सालों से मुंबई में रह रहा था। पाकिस्तान से भारत आए फर्जी ‘शर्मा परिवार’ को मदद करने का काम भी इस परवेज अहमद ने ही किया था। उसने अब सबकुछ कुबूल कर लिया है और कई और खुलासे भी किए हैं।
एक नहीं कई सारे ‘शर्मा परिवार’
परवेज को लेकर पता चला है कि इसने सिर्फ परिवार को ही फर्जी पहचान नहीं दिलवाई बल्कि पाकिस्तान के कई परिवार इसके संपर्क में थे, उन्हें हिंदू बनाकर इसने भारत के अलग-अलग राज्यों में शरण दिलवाई। इसमें मायानगरी मुंबई और राजधानी दिल्ली तक शामिल है। पुलिस जांच में पता चला है कि परवेज ने कम से कम 5 पाकिस्तानी परिवारों को ऐसे ही मदद करने का काम किया है।
‘शर्मा परिवार’ पाकिस्तान से भागकर भारत क्यों आया?
अब जानकारी के लिए बता दें कि इस साल 29 सितंबर को जिगानी पुलिस ने एक पाकिस्तानी फैमिली को गिरफ्तार किया था, इसमें चार सदस्य शामिल थे। इन सभी को बेंगलुरु के राजापुरा इलाके से अरेस्ट किया गया था। उस एक गिरफ्तारी के बाद ही यह पूरा रैकेट एक्सपोज हो गया था और अगले कुछ दिनों में एक और ऐसे ही फर्जी परिवार को गिरफ्तार किया गया। बेंगलुरु के पीन्या इलाके से तीन सदस्यों के एक और परिवार को गिरफ्तार किया गया था। हैरानी की बात यह रही कि यह दोनों परिवार पाकिस्तान की उस मेहदी फाउंडेशन इंटरनेशन से जुड़े हुए थे यूनुस अलगोहर के विचारों को बढ़ावा देती है।
साजिश या पाकिस्तान से परेशान?
अभी के लिए आरोपी परवेज का तो कहना है कि उसने जिन भी परिवारों की मदद की है, वो सब काफी मुश्किल में फंसे हुए थे, अपने देश में परेशान थे, उनकी जान को भी खतरा था। ऐसे में पुलिस अब सबसे पहले यह देखने वाली है कि जिन भी परिवारों की मदद की गई है क्या उनका कोई क्रिमिनल बैकग्राउंड है? अगर हुआ तो आगे जांच की जाएगी, वरना उन्हें वापस उनके देश भेजने की तैयारी रहेगी।
वैसे पाकिस्तान में हो रहे धार्मिक उत्पीड़न और जुल्म के बाद मेहदी फाउंडेशन इंटरनेशन संगठन के कई सदस्य बांग्लादेश और भारत जाने को मजबूर हो गए। साल 2007 में एमएफआई से जुड़े 63 पाकिस्तानियों को भारत ने टूरिस्ट वीजा दिया और जब वे इसके जरिये दिल्ली पहुंचे तो उन्होंने पाकिस्तानी दूतावास के सामने विरोध प्रदर्शन किया और अपने पाकिस्तानी पासपोर्ट और वीजा को जला दिया।