नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को यह सवाल उठाया कि क्या भारत संविधान निर्माताओं की उस अपेक्षा पर खरा उतर पाया है, जिसमें कहा गया था कि राज्यपाल और राज्य सरकार के बीच आपसी तालमेल होगा और दोनों के बीच विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जाएगा। भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) बी. आर. गवई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संवैधानिक पीठ ने यह टिप्पणी तब की, जब केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने राज्यपाल की नियुक्ति और उनकी शक्तियों पर संविधान सभा में हुई चर्चा का उल्लेख किया। इस पीठ में जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस पी. एस. नरसिम्हा और जस्टिस ए. एस. चंदुरकर भी शामिल हैं।
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