प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2021 को 75वें स्वतंत्रता दिवस 75वें स्वतंत्रता दिवस आत्मानिर्भर भारत पर जोर देते हुए शिक्षा क्षेत्र के लिए कई सुधारों की भी घोषणा की थी उनमें से एक प्रमुख यह कि सरकार ने लड़कियों के लिए सैनिक स्कूल (Sainik Schools) खोलने का फैसला किया है। इसको देखते हुए उत्तर प्रदेश में मथुरा में संविद गुरुकुलम सीनियर सेकेंडरी स्कूल को लड़कियों के लिए सैनिक स्कूल के रूप में मंजूरी दी गई है। यह जानकारी रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
देश में 33 सैनिक स्कूल
रक्षा मंत्रालय ने द्वारा जारी आज एक आधिकारिक बयान के अनुसार पूर्ववर्ती पद्धति के तहत देश में 33 सैनिक स्कूल स्थापित किए गए हैं, जिनमें उत्तर प्रदेश के अमेठी, झाँसी और मैनपुरी में स्थापित तीन सैनिक स्कूल भी शामिल हैं। ये सभी स्कूल सहशिक्षा वाले हैं। पूर्ववर्ती पद्धति के तहत केवल लड़कियों के लिए ही सैनिक स्कूलों की स्थापना करने के बारे में विचार नहीं किया जा रहा है। रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी। जिसमें कहा गया है कि सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में गैर सरकारी संगठनों/निजी/राज्य सरकार के स्कूलों के साथ साझेदारी मोड में 100 नए सैनिक स्कूलों की स्थापना करने की पहल के तहत केवल लड़कियों के लिए ही सैनिक स्कूलों की स्थापना करने के बारे में कोई प्रतिबंध नहीं है। इस संबंध में, उत्तर प्रदेश में मथुरा में संविद गुरुकुलम सीनियर सेकेंडरी स्कूल को लड़कियों के लिए सैनिक स्कूल के रूप में मंजूरी दी गई है।
आत्मनिर्भर भारत की ओर कदम, सैनिक स्कूलों में छात्राओं को प्रवेश
बता दें कि पीएम मोदी ने अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण 2021 के दौरान एक घोषणा की कि सभी सैनिक स्कूल अब लड़कियों के लिए खुले रहेंगे। उन्होंने कहा कि ढाई साल पहले मिजोरम में सैनिक स्कूलों में लड़कियों को प्रवेश देने का पहला प्रयोग किया गया था। उन्होंने कहा था, ‘लाखों बेटियों से मुझे संदेश मिलता था कि वे भी सैनिक स्कूलों में पढ़ना चाहती हैं, उनके लिए भी सैनिक स्कूलों के दरवाजे खोल दिए जाने चाहिए। मिजोरम के सैनिक स्कूल में लगभग 2-2.5 साल पहले लड़कियों को प्रवेश देने का प्रयोग पहली बार किया गया था।’ घोषणा के बाद, सभी सैनिक स्कूलों ने लड़कियों को प्रवेश की पेशकश की थी। सैनिक स्कूलों को सिर्फ लड़कों के स्कूलों से सह-शिक्षा के स्कूलों में बदलने से व्यक्तित्व और व्यवहार के विकास में आसानी होगी। सभी विद्यालयों में सर्वोत्तम इंटरेक्शन पद्धति अपनाई जा रही है। इस निर्णय ने गर्ल्स कैडेट्स के लिये लड़कों के समान गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण के द्वार खोल दिये हैं। उम्मीद है कि सरकार के इन कदमों से बेटियां तीनों सेनाओं में अफसर बनने के सपने को पूरा कर सकेंगी।