नेशनल डेस्क : मध्य प्रदेश में पिछले 20 वर्षों से कांग्रेस पार्टी सत्ता से बाहर है, सिवाय 15 महीनों के जब कांग्रेस की सरकार थी। इसके बावजूद, पार्टी अपनी अजीबोगरीब गतिविधियों के चलते सुर्खियों में बनी रहती है। हाल ही में एक नया विवाद तब उत्पन्न हुआ जब प्रदेश कांग्रेस कार्यालय के मुख्य द्वार पर एक बोर्ड लगाया गया। बोर्ड पर लिखा था: “पीसीसी कार्यालय का कार्य समय: सुबह 11:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक, रविवार अवकाश।” यह बोर्ड कांग्रेस के कार्यकाल और उसकी सक्रियता पर सवाल उठाने वाले तंज का कारण बन गया। कांग्रेस पार्टी द्वारा कार्यालय के लिए निर्धारित किए गए इस सीमित कार्य समय पर बीजेपी ने चुटकी ली। बीजेपी ने इसे पार्टी के “पार्ट टाइम” होने का संकेत मानते हुए टिप्पणी की कि इससे पार्टी की वास्तविक स्थिति और उसकी सच्चाई का पता चलता है।
बीजेपी की आलोचना
कांग्रेस पार्टी द्वारा अपने कार्यालय के लिए निर्धारित किए गए सीमित कार्य समय पर बीजेपी ने तंज कसा। बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह कांग्रेस की “पार्ट टाइम” पार्टी बनने की स्थिति को दर्शाता है। उनका कहना था कि यह दर्शाता है कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस के नेताओं को सत्ता की खुमारी अभी तक नहीं उतरी है, और वे खुद को अभी भी सत्ता में समझ रहे हैं।
कॉर्पोरेट कल्चर का आरोप
सलूजा ने यह भी जोड़ा कि जीतू पटवारी के अध्यक्ष बनने के बाद कांग्रेस पार्टी के हजारों सदस्य पार्टी छोड़ चुके हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस अब “कॉर्पोरेट कल्चर” की ओर बढ़ रही है, जहां कार्यकर्ताओं के लिए मिलने का समय केवल सुबह 11:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक ही सीमित है और रविवार को पूरी तरह से बंद रहता है।
कांग्रेस का स्पष्टीकरण
बीजेपी की आलोचनाओं के बाद, कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता अब्बास हफीज ने स्थिति को स्पष्ट करते हुए कहा कि बोर्ड केवल ऑफिस कर्मचारियों के कार्य समय के लिए था। उन्होंने बताया कि यह बोर्ड कार्यकर्ताओं के लिए नहीं था, और कार्यालय कार्यकर्ताओं के लिए पूरी तरह से खुला रहता है। हफीज ने यह भी कहा कि पीसीसी के प्रवक्ता और अन्य कर्मचारी रविवार को भी कार्यालय में काम पर आते हैं। उन्होंने बीजेपी द्वारा इस मुद्दे को उठाने को अनुचित बताते हुए कहा कि यह सिर्फ एक रूटीन व्यवस्था थी। उनके अनुसार, इसे बढ़ा-चढ़ा कर पेश करना गलत है।