कानपुर, । अब तो हज का दौर निकल चुका है, अगले साल फिर लोग हज पर जायेंगे, बुजुर्गों को चाहिये कि वे अकेले हज पर नहीं जायें क्योंकि वे इतनी भीषण गर्मी को बर्दाश्त नहीं कर पाते हैं। उनके साथ कोई न कोई हादसा हो जाता है। बुजुर्गों को चाहिए कि वे अपने साथ किसी न किसी को जरुर ले लें। यदि वहां भीषण गर्मी पड़ रही है तो उसका कुछ नहीं किया जा सकता है।
गुरुवार को मक्का से वापस आये हाजी हजरात ने कहा कि हज के दौरान मक्का में केंद्र और राज्य सरकार ने हज पर जो सुविधाएं दी थीं, उनमें कोई कमी नहीं थी। हाजी ने अपना ऑडियो जारी करते हुए कहा है कि सरकार को दोष देना गलत है, गर्मी का कोई इलाज नहीं है, व्यवस्थाओं में कोई कमी नहीं थी। वहां कोई रास्ता नहीं भटक सकता क्योंकि गूगल का जमाना है, हज के अरकान पांच दिनों में अदा होते हैं लेकिन तमाम हाजी हजरात पहले दिन ही इतनी मेहनत कर लेते हैं कि भीषण गर्मी के चलते वे बीमार पड़ जाते हैं।
अल्लाह का बेपनाह फजल है कि जिन्होंने अपने हाजी पर खास करम फरमाया। हाजी हजरात धीरे धीरे आने लगे हैं, कभी कंकरी मारने के दौरान वहां भगदड़ मचती थी लेकिन अब ऐसा कुछ नहीं होता।- ईदगाह के पेशइमाम हाजी मुफ्ती सुबहान साहब