वियनतियाने (लाओस): 27 जुलाई : विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शनिवार को लाओस के प्रधानमंत्री सोनेक्सी सिपांडोन से मुलाकात की और इस दक्षिण-पूर्व एशियाई देश में भारतीय नागरिकों की तस्करी का मुद्दा उठाया।
दोनों नेताओं ने रक्षा और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में विकास साझेदारी एवं सहयोग पर भी चर्चा की।
जयशंकर दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के संगठन (आसियान) की बैठकों में शामिल होने के लिए लाओस पीपुल्स डेमोक्रेटिक रिपब्लिक की राजधानी में हैं। उन्होंने बैठक में हिस्सा ले रहे अन्य विदेश मंत्रियों के साथ ही सिपांडोन से मुलाकात की।
जयशंकर ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘लाओस पीपुल्स डेमोक्रेटिक रिपब्लिक के प्रधानमंत्री सोनेक्सी सिपांडोन से मुलाकात कर खुशी हुई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से उनका अभिनंदन किया। रक्षा, विरासत संरक्षण, ऊर्जा, डिजिटल और क्षमता निर्माण में हमारी विकास साझेदारी तथा सहयोग पर चर्चा की।’’
जयशंकर ने कहा कि वह साझा सभ्यागत जुड़ाव में गहराई से निहित घनिष्ठ द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए सिफांडोन के मार्गदर्शन को महत्व देते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘लाओस पीपुल्स डेमोक्रेटिक रिपब्लिक के प्रधानमंत्री से बातचीत के दौरान मैंने साइबर ठगी केंद्रों के माध्यम से भारतीय नागरिकों की तस्करी का मुद्दा उठाया। हमारे नागरिकों को छुड़ाने और राहत प्रदान करने में लाओस सरकार से मिल रहे सहयोग की सराहना करता हूं।’’
जयशंकर ने कंबोडिया और थाइलैंड के विदेश मंत्रियों से इस मामले पर चर्चा की।
लाओस स्थित भारतीय दूतावास ने रविवार को कहा था कि लाओस में 13 भारतीयों को छुड़ाकर वापस उनके घर भेजा गया है। इन भारतीयों को कुछ साइबर ठगी केंद्रों में काम करने का लालच दिया गया था।
अभी तक दूतावास ने 518 भारतीय को बचाया है। दूतावास ने भारतीयों को नौकरी दिलाने का झूठा झांसा देने वालों के खिलाफ आगाह करते हुए एक परामर्श जारी किया है।
जयशंकर ने बैठक के दौरान आसियान और पूर्व एशिया शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता के लिए लाओस को भारत की ओर से पूर्ण समर्थन भी दिया।
जयशंकर ने लाओस के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री सेलुमक्से कोमासिथ के साथ भी मुलाकात की।
विदेश मंत्री ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘गर्मजोशी से भरे आतिथ्य के लिए उन्हें धन्यवाद।’’
इस मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं ने लाओस के लिए 10 त्वरित प्रभाव वाली परियोजनाओं और सफल डिजिटल समाधान साझा करने में सहयोग पर समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए।
जयशंकर ने कहा, ‘‘मेकांग गंगा सहयोग और सफल डिजिटल समाधान साझा करने में सहयोग के तहत लाओस के लिए 10 त्वरित प्रभाव वाली परियोजनाओं पर समझौते ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए।’’
मेकांग-गंगा सहयोग (एमजीसी) पर्यटन, संस्कृति, शिक्षा के साथ-साथ परिवहन और संचार में सहयोग के लिए छह देशों-भारत और पांच आसियान देशों-कंबोडिया, लाओस, म्यांमा, थाईलैंड और वियतनाम की एक पहल है।
एमजीसी के तहत सहयोग के चार मूलभूत क्षेत्रों में पर्यटन, संस्कृति, शिक्षा और परिवहन तथा संचार शामिल हैं। एमजीसी में स्वास्थ्य और पारंपरिक चिकित्सा, कृषि और संबद्ध क्षेत्रों, छोटे और मध्यम उद्यमों, जल संसाधन प्रबंधन, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, कौशल विकास और क्षमता निर्माण जैसे नये क्षेत्रों को शामिल करने के लिए इसका और विस्तार किया गया है।
दोनों नेताओं ने रामायण और बौद्ध धर्म की साझा सांस्कृतिक विरासत का जश्न मनाते हुए एक विशेष डाक टिकट भी जारी किया।