Noida Jewar Airport: नोएडा एयरपोर्ट के निर्माण से विस्थापित 3065 परिवारों को मालिकाना हक मिलने की प्रक्रिया तेज हो गई है। नागरिक उड्डयन विभाग ने इन किसानों के नाम लीज डीड तैयार कर उन्हें जमीन का मालिकाना हक देने की योजना को अंतिम रूप दे दिया है। इसके तहत 16.96 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है, जो स्टंप शुल्क और निबंधन शुल्क में खर्च की जाएगी।
चार साल से नहीं मिला मालिकाना हक
जेवर एयरपोर्ट के पहले चरण में छह गांवों—रोही, नगला गनेशी, नगला फूलखॉ, दयानतपुर के माजरे, नगला शरीफ खां, नगला छीतर और किशोरपुर—की 1334 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की गई थी। इसके बदले प्रभावित किसानों को जेवर बांगर में 1.94 लाख वर्गमीटर जमीन पर प्लॉट आवंटित किए गए थे। प्रशासन ने 2020 में लकी ड्रा के माध्यम से प्लॉट्स का आवंटन किया था, लेकिन किसानों को चार साल से मालिकाना हक नहीं मिल पाया था।
जल्द ही मिलेगा प्लॉट्स पर मालिकाना हक
अब किसानों को मालिकाना हक देने के लिए नागरिक उड्डयन विभाग ने कदम उठाया है। उपजिलाधिकारी जेवर को लीज डीड की प्रक्रिया की देखरेख की जिम्मेदारी दी गई है। वहीं, नायब तहसीलदार को किसानों के नाम लीज डीड कराने का कार्य सौंपा गया है। जल्द ही यह प्रक्रिया पूरी होने पर किसानों को उनके प्लॉट्स पर मालिकाना हक मिल जाएगा।
किसानों को मिलेगा राहत
मालिकाना हक मिलने से प्रभावित किसानों को कई सुविधाएं प्राप्त होंगी। वे आसानी से अपने प्लॉट्स को बेच या खरीद सकेंगे, बैंकों से लोन ले सकेंगे, और प्लॉट्स के कागजातों को कानूनी दस्तावेज के रूप में इस्तेमाल कर सकेंगे। साथ ही परिवार में संपत्ति का बंटवारा भी आसानी से हो सकेगा।