अब तक इस तरह की कवायद सिर्फ निजी विद्यालयों में ही होती है। विभाग के अनुसार कैंप में फाउंडेशनल लिट्रेसी और न्यूमेरेसी (एफएलएन) पर आधारित गतिविधियां होंगी। जीवन कौशल, व्यक्तित्व विकास, योग, खेलकूद, विज्ञान-तकनीक आधारित प्रयोग, कला-सांस्कृतिक कार्यक्रम और पर्यावरण के प्रति उन्हें जागरूक बनाया जाएगा। कैंप सुबह डेढ़ घंटे तक ही आयोजित किए जाएंगे। शिक्षामित्र, अनुदेशक और शिक्षकों की देखरेख में कैंप का संचालन होगा। कैंप में बच्चों को सप्लीमेंट्री न्यूट्रीशन के तहत गुड़ की चिक्की, बाजरे का लड्डू, रामदाना लड्डू, गुड़-चना और लैया पट्टी जैसी पौष्टिक खानपान की चीजें भी दी जाएंगी।
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