उच्चतम न्यायालय ने बाल तस्करी मामलों से निपटने में उत्तर प्रदेश सरकार के ढीले रवैये की आलोचना करते हुए देशभर में ऐसे अपराधों की रोकथाम और त्वरित सुनवाई के लिए मंगलवार को कड़े दिशा-निर्देश जारी किए।न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर. महादेवन की पीठ ने सभी उच्च न्यायालय को निर्देश दिया कि वे संबंधित निचली अदालतों में लंबित बाल तस्करी के मामलों की स्थिति के बारे में जानकारी लें। साथ ही, यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश जारी करें कि संबंधित निचली अदालत छह महीने के भीतर मामले का निपटारा करे। शीर्ष अदालत ने यह भी आदेश दिया कि न्याय में देरी को रोकने के लिए ऐसे मामलों की दिन-प्रतिदिन सुनवाई की जाए।