नेशनल डेस्क : प्रमुख शरद पवार ने बृहस्पतिवार को कहा कि मौजूदा लोकसभा चुनाव के पहले तीन चरणों के मतदान ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बेचैन कर दिया है और इसीलिए उन्होंने अपने भाषणों में खुलेआम मुस्लिम समुदाय का जिक्र करना शुरू कर दिया है। पश्चिमी महाराष्ट्र के सतारा में पत्रकारों से बातचीत में पवार ने क्षेत्रीय दलों के कांग्रेस में विलय संबंधी अपनी टिप्पणी के बारे में कहा कि कई राजनीतिक दलों की विचारधारा कांग्रेस की विचारधारा के समान है। तीन चरण का मतदान पूरा होने के बाद लोकसभा चुनाव के उनके आकलन के बारे में पूछे जाने पर पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि इन तीनों चरणों का मतदान मोदी को बेचैन कर रहा है और ऐसा कहने का कारण यह है कि इन चरणों के मतदान के बाद प्रधानमंत्री मोदी के सुर बदल गए हैं।”
पवार ने कहा, “उन्होंने (मोदी) अपने भाषणों में खुलेआम मुस्लिम समुदाय का जिक्र करना शुरू कर दिया है। ऐसा प्रतीत होता है कि उन्हें लगता है कि सांप्रदायिक विचार लाने से स्थिति बदल जाएगी। मेरा मानना है कि उनकी पार्टी में कुछ लोग सोचते हैं कि जैसे-जैसे मतदान के चरण पूरे हो रहे हैं उनका पद खतरे में पड़ता जा रहा है।” उनकी पार्टी के कांग्रेस में संभावित विलय के बारे में पूछे जाने पर पवार ने कहा कि उन्होंने कभी ऐसी कोई टिप्पणी नहीं की। पवार ने हाल में एक अखबार को दिए साक्षात्कार में कहा था कि अगले कुछ साल में कई क्षेत्रीय दल कांग्रेस के और करीब आएंगे या उसमें विलय कर लेंगे।
इस पर उन्होंने कहा, ‘‘हमारी पार्टी राकांपा का उदाहरण लें। स्थापना से लेकर आज तक राकांपा और कांग्रेस एक साथ काम कर रहे हैं। दोनों दलों की विचारधारा (महात्मा) गांधी और (जवाहरलाल) नेहरू के आदर्शों में निहित है। इसलिए कांग्रेस जैसी विचारधारा वाले दलों का एक साथ आना और एक-दूसरे के साथ अधिक निकटता से काम करना कोई आश्चर्य नहीं होगा।” जब उनसे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ हाथ मिलाने पर निर्णय लेने के लिए दिल्ली में उनकी (वरिष्ठ पवार की) बैठकों के बारे में उनके भतीजे एवं उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बयान के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि कुछ सहयोगी भाजपा के साथ जाने के पक्ष में थे।
उन्होंने कहा, “कई मौकों पर, मैंने उनसे कहा कि यदि आप बातचीत करना चाहते हैं तो आप ऐसा कर सकते हैं, लेकिन अंतिम निर्णय पार्टी का होगा तथा पार्टी का निर्णय उनके रुख से अलग था।” प्रधानमंत्री मोदी के इस दावे पर कि कांग्रेस को अंबानी और अडानी से पैसा मिला, पवार ने कहा कि देश में यह चर्चा का विषय रहता है कि अंबानी और अडानी किसके दोस्त हैं? पवार ने कहा, ”लेकिन जिनके खिलाफ ये बातें चल रही हैं वही लोग अब कांग्रेस पर दोष मढ़ रहे हैं।”