विपक्षी एकता में एक बार फिर फूट पड़ गई है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने साफ कर दिया है कि वो नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक में हिस्सा लेंगी. ममता ने यह भी दावा किया है कि उनके साथ झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी नीति आयोग की बैठक का हिस्सा बनेंगे.
कोलकाता में ममता बनर्जी ने कहा, मैंने पहले ही फैसला कर लिया है कि मैं जाऊंगी (नीति आयोग की बैठक में). लेकिन उनका (केंद्र) रवैया अलग है. उन्होंने हमसे कहा है कि हमें लिखकर भेजें कि किस तरह से बंगाल को बजट से वंचित किया गया है. हम इसे स्वीकार नहीं कर सकते हैं.
ममता का कहना था कि यह भेदभाव पसंद नहीं है. बजट में केंद्र सरकार ने भेदभाव किया है. इसीलिए मैंने अपनी आवाज उठाने के लिए नीति आयोग की बैठक में जाने का फैसला किया है और कुछ समय के लिए वहां बैठक में रहूंगी. अगर वे हमें कुछ कहने की इजाजत देंगे तो हम अपनी बात रखेंगे. इस बैठक में हेमंत सोरेन भी शामिल होने वाले हैं. हम अपनी चिंताएं बताने की कोशिश करेंगे.
ममता ने आगे कहा, केंद्र सरकार ने राजनीतिक और आर्थिक नाकेबंदी की है. बीजेपी लोगों को और बंगाल को बांटना चाहती है.
दरअसल, इंडिया ब्लॉक में शामिल विपक्षी दलों ने ऐलान किया है कि वो शनिवार को होने वाली नीति आयोग की बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे. विपक्ष शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने इस बैठक का बहिष्कार करने का दावा किया है. इसमें पंजाब, तमिलनाडु, कर्नाटक, तेलंगाना, हिमाचल प्रदेश शामिल हैं. इससे पहले कांग्रेस ने भी कहा था कि पार्टी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री 27 जुलाई को होने वाली मीटिंग में हिस्सा नहीं लेंगे.