#SamajwadiParty #LokSabhaChunav #JayantChaudhary कहते हैं सियासत में कब कौन अपना बन जाए और कब अपना पराया हो जाए कुछ कहा नहीं जा सकता…जी हां कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है यूपी की राजनीति में जहां…एक समय अखिलेश और जयंत की जोड़ी एक साथ मिलकर…
कहते हैं सियासत में कब कौन अपना बन जाए और कब अपना पराया हो जाए कुछ कहा नहीं जा सकता…जी हां कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है यूपी की राजनीति में जहां…एक समय अखिलेश और जयंत की जोड़ी एक साथ मिलकर बीजेपी को सत्ता से बेदखल करने के दावे कर रही थी…लेकिन, सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि मौजूदा समय में इन दोनों के बीच कुछ ठीक नहीं चल रहा है…दावा तो ये भी किया जा रहा है कि तमाम कोशिशों के बाद भी जयंत चौधरी और अखिलेश यादव के बीच आम सहमती नहीं बन पा रही है…और जल्द ही जयंत, अखिलेश यादव से दूरी बना सकते हैं…वहीं यूपी की सियासत में ये भी कहा जा रहा है कि मौके का फायदा उठाकर बीजेपी ने भी शतरंज की चाल चल दी और जयंत को कैराना,बागपत,मथुरा और अमरोहा की सीट ऑफर कर दी।
सूत्रों के मुताबिक, भाजपा के साथ गठबंधन की संभावित बातचीत को लेकर जयंत ने दिल्ली में भाजपा के एक वरिष्ठ नेता से मुलाकात की…लेकिन, इस सियासी उठापटक के बीच सबसे दिलचस्प बात ये है कि, पिछले 4 लोकसभा चुनावों में RLD ने सबसे बेहतरीन प्रदर्शन बीजेपी के साथ गठबंधन में ही रहकर किया है…आकड़ों की माने तो लोकसभा चुनाव 2004 में रालोद ने बीजेपी के साथ मिलकर 10 सीटों पर चुनाव लड़ा था..जिसमें 3 सीटे जयंत की पार्टी ने जीतीं।
लोकसभा चुनाव 2004- हेडर
गठबंधन बीजेपी-रालोद
लड़े 10
जीते 3
इसके बाद 2009 के लोकसभा चुनाव में आरएलडी बीजेपी के साथ मिलकर 9 सीटों पर चुनाव लड़ी जिसमे उसने 5 सीटों पर जीत दर्ज की…वहीं 2014 के लोकसभा चुनाव में जब कांग्रेस के साथ आरएलडी ने गठबंधन कर चुनाव लड़ा तो उसे 8 सीटों में से एक भी सीट पर जीत नहीं मिली।
लोकसभा चुनाव 2009- हेडर
गठबंधन बीजेपी-रालोद
लड़े 7
जीते 5
लोकसभा चुनाव 2014- हेडर
गठबंधन कांग्रेस-रालोद
लड़े 8
जीते 00
साथ ही 2019 के लोकसभा चुनाव में आरएलडी ने सपा और बसपा के साथ जब तीन सीटों पर चुनाव लड़ा तो भी आरएलडी को एक भी सीट नहीं बचा पाई…
लोकसभा चुनाव 2019 – हेडर
गठबंधन रालोद- सपा-बसपा
लड़े 3
जीते 00
जानकारी के लिए ये भी बता दें कि, करीब पखवाड़े भर पहले जयंत चौधरी और अखिलेश यादव की लखनऊ में हुई मुलाकात के बाद दोनों के बीच सात सीटों पर डील हो गई थी… इन 7 सीटों में 5 बागपत, मुजफ्फरनगर, कैराना, मथुरा, हाथरस तो तय हैं लेकिन दो सीटों पर अभी भी नाम को लेकर संशय बना हुआ है… अभी यह तय नहीं हो पा रहा है कि मेरठ, बिजनौर, अमरोहा, नगीना और फतेहपुर सीकरी में से कौन सी और 2 सीट आरएलडी को दी जाएगी।