बांग्लादेश में चल रहे छात्र विरोध प्रदर्शनों के बीच सोमवार दोपहर शेख हसीना(Sheikh Hasina) ने देश के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और एक सैन्य हेलीकॉप्टर में सवार होकर सुरक्षित स्थान पर चली गई हैं। मीडिया रिपोर्ट में ये बात बताई गई है।
Bangladesh Coup : शेख हसीना ‘सुरक्षित स्थान’ के लिए रवाना
होकर सुरक्षित स्थान पर चली गई हैं। वहीं बांग्लादेशी मीडिया ने बताया कि सैकड़ों प्रदर्शनकारी ढाका में प्रधानमंत्री के आधिकारिक निवास में घुस गए, जिसके बाद पीएम हसीना “सुरक्षित स्थान” के लिए रवाना हो गईं।राष्ट्र के नाम एक टेलीविज़न संबोधन में, बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वेकर-उज़-ज़मान ने देशवासियों से धैर्य रखने और शांति बनाए रखने की अपील की है।
Bangladesh Coup : नरसंहार में 30 लाख लोग मारे गए थे
Bangladesh Hinsa : ‘द डेली स्टार’ ने बताया, “कल की गिनती के साथ, सरकार विरोधी प्रदर्शनों में मरने वालों की कुल संख्या केवल तीन हफ्तों में 300 को पार कर गई, जिससे यह बांग्लादेश के नागरिक आंदोलन के इतिहास में सबसे खूनी दौर बन गया।”छात्र 1971 में खूनी गृहयुद्ध में पाकिस्तान से बांग्लादेश की आजादी के लिए लड़ने वाले स्वतंत्रता सेनानियों के रिश्तेदारों के लिए सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। ढाका के अधिकारियों के अनुसार, इस युद्ध में पाकिस्तानी सैनिकों और उनके समर्थकों द्वारा किए गए नरसंहार में 30 लाख लोग मारे गए थे।
Bangladesh Coup : सर्वोच्च न्यायालय द्वारा आरक्षण को घटाकर पांच प्रतिशत करने के बाद छात्र नेताओं ने विरोध प्रदर्शन रोक दिया था, लेकिन छात्रों ने कहा कि सरकार ने उनके सभी नेताओं को रिहा करने की उनकी मांग को नजरअंदाज कर दिया है, जिसके कारण प्रदर्शन फिर से शुरू हो गए।मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, शेख हसीना और उनकी बहन शेख रेहाना सुरक्षित स्थान पर पहुंच गई हैं। शेख हसीना ने जाने से पहले एक भाषण रिकॉर्ड करने का इरादा जाहिर किया था, लेकिन उन्हें ऐसा करने का मौका नहीं मिला।
बता दें कि आरक्षण सुधार की मांग से शुरू हुआ छात्र आंदोलन सरकार बदलने के आंदोलन के रूप में तब्दील हो गया है। सरकार के इस्तीफे की मांग करने वाले प्रदर्शनकारियों और सरकार समर्थक लोगों के बीच भीषण झड़पें हुईं। प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री शेख हसीना के बातचीत के न्योते को भी ठुकरा दिया।