Big disclosure of cyber fraud in Jodhpur: जोधपुर पुलिस ने साइबर शील्ड अभियान के तहत देशभर को चौंकाने वाले एक बड़े साइबर फ्रॉड का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने 7 करोड़ रुपये की ठगी में शामिल 15 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिसमें 11 युवतियां भी शामिल हैं। इस कार्रवाई में दो फर्जी कॉल सेंटरों का भंडाफोड़ किया गया, जो लोगों से धोखाधड़ी कर रहे थे।
पावर हाउस रोड निवासी 57 वर्षीय पुखराज को ऑनलाइन “फ्रेंड्स फॉरएवर” क्लब जॉइन करना भारी पड़ गया। क्लब ने उन्हें महिलाओं से दोस्ती और अन्य सुविधाओं के नाम पर झांसा दिया। मात्र दो महीने में क्लब ने पुखराज से 42,23,141 रुपये ब्लैकमेल कर ऐंठ लिए। आखिरकार, पुखराज ने जोधपुर साइबर थाने में शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए पश्चिम बंगाल से मुख्य आरोपी अजय ओझा और अश्वनी ओझा को गिरफ्तार किया और उनसे डेबिट-क्रेडिट कार्ड, 11 मोबाइल और एक कार बरामद की।
फर्जी कॉल सेंटर के जरिए ठगी
जोधपुर के कुड़ी और भगत की कोठी थाना क्षेत्रों में फर्जी कॉल सेंटर चलाए जा रहे थे। यहां से रोड साइड असिस्टेंस और अन्य सेवाओं के नाम पर वाहन चालकों को लुभावने ऑफर देकर ठगा जाता था। पिछले दो वर्षों से चल रहे इन कॉल सेंटरों में महिलाओं को कॉल करवा कर ग्राहकों को फंसाया जाता था। सेवा के नाम पर पैसे वसूलने के बाद ग्राहक से संपर्क तोड़ दिया जाता था। पुलिस ने गौरव पंजाबी, अमित सिंह, और हनी सिंह को गिरफ्तार किया और 11 महिलाओं को हिरासत में लिया
इन्वेस्टमेंट के नाम पर फर्जीवाड़ा
फालोदी निवासी मांगीलाल ग्रामीणों को ज्यादा मुनाफा कमाने का झांसा देकर ठग रहा था। वह फर्जी दस्तावेजों से सिम और बैंक खाते तैयार करता और साइबर फ्रॉड से कमाए पैसों को क्रिप्टोकरेंसी के जरिए ट्रांसफर करता था। पुलिस ने उसके पास से 21 एटीएम कार्ड, 10 मोबाइल, 13 सिम कार्ड और अन्य दस्तावेज बरामद किए हैं।
बड़ी बरामदगी और ठगी का खुलासा
डीसीपी वेस्ट राजर्षि राज वर्मा ने बताया कि 15 दिनों की इस कार्रवाई में 4 मामलों में 15 आरोपी गिरफ्तार किए गए। पुलिस ने 35 मोबाइल, 52 सिम कार्ड, 37 एटीएम कार्ड, 10 क्रेडिट कार्ड, और नकद राशि के साथ-साथ दो कार और दो बाइक भी जब्त की हैं। यह खुलासा राजस्थान में साइबर अपराध के बढ़ते खतरे को दिखाता है। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि ऑनलाइन ऑफर और सोशल मीडिया के झांसे में आने से बचें और सतर्क रहें।