Mysterious Disease In J&K : जम्मू और कश्मीर के राजौरी इलाके में फैली एक रहस्यमय बीमारी ने स्वास्थय एजेंसियों के होश उड़ा कर रखे हुए हैं। दिसंबर 2024 की शुरुआत से ही ये रहस्यमय बीमारी अभी तक 16 लोगों को अपना शिकार बना चुकी है। इस रहस्यमय बीमारी के आतंक का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि पीजीआईएमईआर चंडीगढ़, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी और नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) के अलावा कई चिकित्सा विशेषज्ञ इसके बारे में पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन इशके बावजुद बीमारी का कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है। ताजा मामले में शनिवार को राजौरी के बधाल गांव की एक महिला को रहस्यमय बीमारी के लक्षण दिखने के बाद सरकारी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) में भर्ती कराया गया था।
इलाके में अधिकारी हाई अलर्ट पर
रहस्यमय बीमारी की वजह से राजौरी जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और पुलिस मौतों की जांच करने और प्रभावित परिवारों को सहायता प्रदान करने के लिए समन्वय में काम कर रहे हैं और अधिकारी हाई अलर्ट पर हैं। जानकारी के मुताबिक इस बिमारी का प्रकोप ने मुख्य रूप से गांव के तीन परस्पर जुड़े परिवारों को प्रभावित किया है। वहां मौजूद मेडिकल टीम भी रहस्यमयी बीमारी की अराजक स्थिति का निरीक्षण कर रही है। एक अधिकारी ने कहा कि हम स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। रहस्यमय बीमारी के कारण होने वाली बीमारियों और मौतों की रिपोर्ट 8-10 दिनों के भीतर उपलब्ध होगी। 4 वार्डों में चिकित्सा सहायता प्रदान की गई है, और घर-घर जाकर परामर्श और निगरानी जारी है।
राहत की बात ये है कि फिलहाल ये घटनाएं तीन विशिष्ट परिवारों तक ही सीमित है, जिससे ये पता चलता है कि ये गैर-संक्रामक कारण का सुझाव देती हैं। इसलिए, आम जनता को चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है। स्थिति लगातार विकसित हो रही है, सभी संबंधित विभाग बीमारी की उत्पत्ति की पहचान करने और स्थानीय आबादी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
स्वास्थ विभाग अलर्ट
रहस्यमय बीमारी को देखते हुए स्वास्थ विभाग भी अलर्ट मोड पर है। ICMR ने नमूने एकत्र किए हैं, और दैनिक नमूने भी लिए हैं। दिसंबर से गांव की निगरानी जारी है। टीम के एक अन्य सदस्य ने कहा कि बाल चिकित्सा के दृष्टिकोण से सभी आवश्यक परीक्षण किए गए हैं। बीमारी के लक्षण और प्रगति को देखा गया है। बीमार बच्चों की हालत 2-3 दिनों के भीतर तेजी से बिगड़ती है, जिससे कोमा हो जाता है और अंततः वेंटिलेशन के बावजूद मृत्यु हो जाती है।