शबाहत हुसैन विजेता, लखनऊ, । लखनऊ में मसीह धर्म इटली से चलकर तिब्बत और नेपाल के रास्ते आया। शैवेलियर आस्टिल मैलकम लोबो ने अपनी पुस्तक ग्रोथ एंड डेवलपेंट आफ दि कैथलिक डायसिस आफ लखनऊ में ईसाई धर्म की शुरुआत का विस्तार से वर्णन किया है।
ईसाई धर्म लखनऊ कैसे पहुंचा यह समझने के लिए पहले हमें यह समझना होगा कि ईसाई भारत कैसे आये। लोबो की किताब बताती है कि सन 1703 में फादर फ्रांसिस ओरजियो ईसाई धर्म के प्रचार के लिए इटली से तिब्बत आये थे। तिब्बत में मिशन स्टेशन स्थापित कर ईसाई धर्म का प्रचार शुरू हो गया। तिब्बतियों का धर्म परिवर्तन कर उन्हें ईसाई बनाया जाने लगा। इसकी भनक लामाओं तक पहुंची तो उन्होंने इस मिशन स्टेशन के खिलाफ ऐसा मजबूत मोर्चा खोला कि कैथलिक मिशनरियों को 1745 में तिब्बत छोड़कर भागना पड़ा। तिब्बत से निकलकर यह मिशन नेपाल पहुंच गया और फिर काठमांडू में उनका मुख्यालय स्थापित हो गया। नेपाल में भी धर्म परिवर्तन की लहर चली तो नेपाल ने 1769 में नेपाल से भी खदेड़ दिया गया। मिशन ने तिब्बत में 78 और नेपाल में 150 ईसाई तैयार किये।