लखनऊ। तस्वीर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भारतीय सेना के हथियारों से निशाना लगाते दिख रहे हैं। आज लखनऊ में मुख्यमंत्री के इस अंदाज को देखकर सभी हैरान रह गये। दरअसल ये नजारा आज लखनऊ भारतीय सेना के मध्यकमान सूर्याकमान में शुरू हुई तीन दिवसीय नो योर आर्मी फेटिविल की है। इस फेस्टिविल की शुरूआत करते हुए मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि भारतीय सेना 140 करोड़ देशावासियों की शक्ति की का प्रतीक है। आज से तीन दिनों तक चलने वाली इस प्रदर्शनी में तरह-तरह के सेना के हथियारों की प्रदर्शनी लगाई है। इस प्रदर्शनी में सेना के अधिकारी लोगो को अपने हथियारों से रूबरू करवा रहे हैं। लोगों की जिज्ञासा का समाधान भी कर रहे हैं।
कार्यक्रम की शुरूआत मुख्यमंत्री ने रंगबिरंगे गुब्बारे आसमान में उड़ाकर किया। इस दौरान सिख रेजिमेंट के जवानों ने साहसिक पंजाबी धुनों पर अपने पारंपरिक शौर्यकला का शानदार प्रदर्शन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने यहां आयोजित प्रदर्शनी का अवलोकन किया, जिसमें सेना के साजो-सामान के साथ ही अत्याधुनिक हथियारों का प्रदर्शन किया गया। सीएम योगी ने सेना के अधिकारियों से विभिन्न हथियारों और सैन्य सामानों के बारे में जानकारी भी ली। वहीं इससे पहले मुख्यमंत्री ने फेस्टिवल के उद्घाटन समारोह को संबोधित किया।
उन्होंने कहा कि भारतीय सेना देश के 140 करोड़ जनता की शक्ति और साहस का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि एक सशक्त सेना ही सुरक्षित और संप्रभु राष्ट्र की परिकल्पना को साकार कर सकती है। पहली बार देश की राष्ट्रीय राजधानी के बाहर आयोजित हो रहे ‘नो योर आर्मी’ फेस्टिवल के लिए मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री और रक्षामंत्री का विशेष रूप से धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि समारोह के लिए लखनऊ स्थित सेंट्रल कमांड को चुना जाना गर्व की बात है। यह प्रदेश के युवाओं को नजदीक से भारतीय सेना को जानने और सेना के शौर्य और पराक्रम को नजदीक से पहचानने का अवसर है।
मुख्यमंत्री ने सिख रेजिमेंट के शौर्यकला प्रदर्शन को शानदार बताते हुए कहा कि ये भारत की प्राचीन कला है, जिसके जरिए हमारे पारंगत युवा आक्रांताओं को मुंहतोड़ जवाब देते थे। मंख्यमंत्री ने प्रसन्नता व्यक्त की कि प्राचीन युद्धकला को भारतीय सेना ने अपना हिस्सा बनाकर ना सिर्फ इस शौर्यकला को सम्मान दिया है, बल्कि सिख गुरुओं के त्याग और बलिदान को भारत के युवाओं के सामने रखकर सम्मान देने का कार्य किया है।
इन हथियारों को देखकर लोग हुए रोमाचिंत
दर्शकों को एक लुभावनी प्रदर्शनी देखने को मिली जिसमें मार्शल आर्ट और नवीनतम सैन्य उपकरणों का शानदार प्रदर्शन था। उल्लेखनीय प्रदर्शनों में टी-90 टैंक, भारतीय सेना का मुख्य युद्धक टैंक, एलएंडटी समूह द्वारा निर्मित स्वदेशी के-9 वज्र स्व-चालित तोपखाने बंदूक और घरेलू स्तर पर निर्मित हथियार लोकेटिंग रडार (डब्ल्यूएलआर) स्वाति शामिल हैं। इस कार्यक्रम में गर्व से आत्मनिर्भर भारत की तकनीक-संचालित सेना को भी प्रदर्शित किया गया, जिसमें घरेलू स्तर पर निर्मित टी-90 और टी-72 टैंक अथर्व, संशोधित 155 मिमी तोपखाने बंदूक शारंग शामिल थे।
अत्यंत सूक्ष्मता के साथ आयोजित इस कार्यक्रम में जानकारीपूर्ण काउंटरों की एक श्रृंखला, मनोरम सैन्य प्रदर्शन और एक रोमांचक प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता भी शामिल थी। दिग्गजों के लिए जानकारीपूर्ण काउंटर ने मूल्यवान केंद्र के रूप में काम किया, जो संसाधन, समर्थन और नेटवर्किंग अवसर प्रदान करता है और जोनल भर्ती संगठन को युवाओं के साथ जुड़ने का मौका मिला, कैरियर के अवसरों और सैन्य सेवा में नवीनतम विकास के बारे में जानकारी प्रदान की गई, जबकि लाइव प्रदर्शनों ने प्रदर्शन किया अत्याधुनिक उपकरणों की क्षमता। क्विज़ प्रतियोगिता, इस आयोजन का एक मुख्य आकर्षण थी, जिसमें प्रतिभागियों को एक चुनौतीपूर्ण लेकिन ज्ञानवर्धक प्रतियोगिता में शामिल किया गया, जहाँ विजेताओं को क्यूरेटेड स्मृति चिन्ह से सम्मानित किया गया।
सेना की शक्ति और पराक्रम देखने का अवसर है ये फेस्टिवल
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘नो योर आर्मी’ फेस्टिवल के जरिए ना सिर्फ सेना के साजो-सामान और हथियारों की प्रदर्शनी को देखने का अवसर हमें मिल रहा है, बल्कि इसके जरिए सेना की शक्ति, पराक्रम और राष्ट्रभक्ति की निष्ठा को भी नजदीक से जानने समझने का अवसर मिलेगा। यह सेना के हथियारों, उनकी कार्यशैली, और कार्य कुशलता को भी जानने का अवसर है, जिससे सामान्यत: जनता अनभिज्ञ रहती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी वीरों की भूमि है। देश की सुरक्षा के लिए लड़ी गई हर लड़ाई में हमारे जवानों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है। देश की सुरक्षा करते हुए हमारे जवानों ने प्रदेश का गौरव बढ़ाया है। प्रदेश सरकार भी सेवारत और सेवानिवृत्त सैनिकों के हितों के लिए पूरी तरह से संकल्पबद्ध है। सरकार वीरगति प्राप्त करने वाले वीरों के परिजनों को 50 लाख की धनराशि और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का कार्य करती है।
बालक ही नहीं बालिकाओं के लिए भी सैनिक स्कूल शुरू करने वाला पहला राज्य है यूपी
सीएम योगी ने कहा कि देश आज प्रत्येक क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त कर रहा है। ऐसे में सेना के लिए हथियारों और साजो-सामान के मामले में भी हम तेजी के साथ आत्मनिर्भर हो रहे हैं। उन्होंने यूपी के डिफेंस नोड और 2020 में आयोजित डिफेंस एक्सपो की भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि देश में 100 नये सैनिक स्कूल बनाए जा रहे हैं। इनमें से यूपी में 16 सैनिक स्कूल बनाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि वृंदावन में बालिकाओं के लिए सैनिक स्कूल प्रारंभ किया गया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश देश को ना सिर्फ पहला सैनिक स्कूल देने वाला राज्य है, बल्कि बालिकाओं के लिए सैनिक स्कूल शुरू करने वाला भी पहला राज्य बन गया है।
इस अवसर पर प्रदेश के मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, मध्य कमान के कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल एनएस राजा सुब्रमणि, मध्य कमान के चीफ ऑफ स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल मुकेश चड्ढा, प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, मुख्यमंत्री के प्रशासनिक सलाहकार अवनीश कुमार अवस्थी, पूर्व मंत्री डॉ महेन्द्र सिंह सहित बड़ी संख्या में सेना के अधिकारी, जवान और सैनिकों के परिवारजन मौजूद रहे।
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