नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट में ‘पाठ्यक्रम से बाहर’ का प्रश्न पूछे जाने का आरोप लगाने वाले एक अभ्यर्थी की याचिका को खारिज कर दिया है। अदालत ने कहा कि वह विशेषज्ञों के ज्ञान पर संदेह नहीं कर सकती और उसके स्थान पर अपनी राय नहीं रख सकती। उच्च न्यायालय ने कहा कि अदालतें विषय विशेषज्ञ नहीं हैं और उन्हें केवल विषय पर कानून और विशेष मामले के तथ्यों एवं परिस्थितियों में इसके आवेदन के आधार पर ही निर्णय लेना चाहिए।याचिकाकर्ता ने दावा किया कि भौतिकी खंड में एक प्रश्न रेडियोधर्मिता पर आधारित था, जबकि रेडियोधर्मिता विषय इस वर्ष की राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा-स्नातक (नीट-यूजी) के पाठ्यक्रम का हिस्सा नहीं था। अदालत ने कहा कि यह विशेष प्रश्न परीक्षा आयोजित करने वाली संस्था राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) द्वारा गठित विषय विशेषज्ञों के समक्ष रखा गया था और उन्होंने अपनी राय दी है कि पाठ्यक्रम में ‘परमाणु और नाभिक’ अध्याय के अंतर्गत अध्याय संख्या 18 में ‘नाभिक की संरचना और आकार’ तथा ‘परमाणु द्रव्यमान’ शामिल हैं।
Trending
- Qaumi Patrika, Wednesday, 11th September 2024
- iPhone 16 सीरीज के आगमन से भारत में एप्पल की मार्केट पोजीशन में तेजी से सुधार की संभावना
- ऑस्ट्रेलिया में बच्चों के सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर लगेगा बैन
- पूर्व गृह मंत्री Sushil Shinde का कश्मीर पर ‘कबूलनामा’ वायरल, भाजपा ने कसा तंज
- Haryana Elections: भाजपा की दूसरी लिस्ट जारी, विनेश फोगाट के खिलाफ युवा नेता कैप्टन बैरागी को उतारा
- Bihar Politics : बिहार के समस्तीपुर पहुंचे तेजस्वी यादव, कार्यकर्ताओं से की मुलाकात !
- ‘मैं PM मोदी से नफरत नहीं करता, उनके दृष्टिकोण से असहमत हूं’, वाशिंगटन डीसी में बोले राहुल गांधी
- फिल्म ‘स्त्री 2’ के श्रेय को लेकर जारी विवाद पर बोले अभिषेक बनर्जी- हम सभी के बीच काफी सौहार्द है