नई दिल्ली। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार को कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य मंत्रालय इस बात पर विचार कर रहे हैं कि चिकित्सा पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए होने वाले नीट-यूजी (राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातक) का आयोजन पारंपरिक ‘पेन और पेपर मोड’ में किया जाए या फिर ऑनलाइन मोड में और इस संबंध में जल्द फैसला होने की उम्मीद है।शिक्षा मंत्रालय ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा के नेतृत्व में स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ दो दौर की वार्ता की है। वर्तमान में, नीट-यूजी का आयोजन ऑफलाइन यानी ‘पेन और पेपर मोड’ में किया जाता है, जिसमें छात्रों को ओएमआर (ऑप्टिकल मार्क रिकॉग्निशन) शीट पर बहुविकल्पीय प्रश्न हल करने होते हैं। नीट इसमें शामिल होने वाले अभ्यर्थियों की संख्या के लिहाज से देश की सबसे बड़ी प्रवेश परीक्षा है। 2024 में रिकॉर्ड 24 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने यह परीक्षा दी थी। प्रधान ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘नीट का प्रशासनिक मंत्रालय स्वास्थ्य मंत्रालय है। इसलिए हम उनके साथ इस विषय पर बात कर रहे हैं कि नीट का आयोजन ‘पेन और पेपर मोड’ में किया जाना चाहिए या फिर ‘ऑनलाइन मोड’ में।
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